संसार सागर से पार लगाने वाले प्रभु और गुरु हैं : विहसंत सागर

– गुरू पूर्णिमा पर भक्तों ने किया गुरु के दर्शन

भिण्ड, 10 जुलाई। गुरू पूर्णिमा के अवसर पर अनेक स्थानों से भक्तगण मेडिटेशन गुरु विहसंत सागर महाराज, मुनि विश्वसाम्य सागर महाराज का पाद प्रछालन एवं आशीर्वाद लेने जैतपुर पहुंचे।
मुनिराज ने इस अवसर पर कहा कि आज बडा ही पावन दिन है, जिसमें भक्तगण अपने-अपने गुरु के समक्ष जाकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, वर्ष में एक बार आने वाला यह दिन गुरू पूर्णिमा कहा जाता है, क्योंकि गुरू की वाणी अमृतवाणी है, जो संसार सागर से पार लगाने वाले प्रभु और गुरू ही हैं इनका आशीर्वाद और मार्गदर्शन ही व्यक्ति को आगे बढाता है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति के जीवन में गुरू का होना बहुत आवश्यक है, क्योंकि जिसके जीवन में गुरू नहीं उसका जीवन शुरू नहीं, इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपना गुरू जरूर बनना चाहिए। कार्यक्रम में मुनिराज का पाद प्रक्षालन रिंकू जैन अडोखर परिवार ने किया। समाज के लोगों ने श्रीफल चढाकर गुरू का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर राजेन्द्र जैन, निफ्टी जैन बडेरी, पार्षद मनोज जैन, चक्रेश जैन, नरेश जैन, राजू जैन, सोनू जैन सहित बडी संख्या में लोग उपस्थित थे।
मुनिराज ससंघ का अटेर में हुआ मंगल प्रवेश
मेडिटेशन गुरू उपाध्याय विहसंत सागर महाराज ससंघ आगरा से पद बिहार करते हुए वाह, जैतपुर होते हुए गुरुवार की शाम अटेर पहुंचे। जहां पर स्थानीय समाज द्वारा मुनिराज का स्वागत किया। जो शुक्रवार को सुबह अटेर से बिहार कर भिण्ड की सीमा में अटेर रोड पहुंचेंगे एवं 12 जुलाई शनिवार को सुबह सात बजे नगर में मंगल प्रवेश करेंगे।