खरीफ सीजन की फसलों के लिए जिले में पर्याप्त उर्वरक की उपलब्धता

– कलेक्टर के निर्देश पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कर रहे हैं निगरानी

ग्वालियर, 28 जून। खरीफ सीजन की फसलों के लिए जिले में पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है। जिले में प्राप्त रैकों के माध्यम से किसानों को निरंतर खाद की उपलब्धता कराई जा रही है। वर्तमान में जिले में 15 हजार 500 मेट्रिक टन यूरिया, 7700 मेट्रिक टन डीएपी, 6200 मेंट्रिक टन एनपीके एवं 7800 में टन एसएसपी खाद की उपलब्धता जिला प्रशासन द्वारा सुनिश्चित कराई जा चुकी है तथा जिले में एक अप्रैल से अब तक सहकारिता एवं निजी क्षेत्र में कुल 6538 मेट्रिक टन यूरिया, 3941 मेट्रिक टन डीएपी एवं 1003 मेट्रिक टन एनपीके खाद का वितरण कृषकों को किया जा चुका है। वितरण उपरांत जिले में 8765 मेट्रिक टन यूरिया, 3814 मेट्रिक टन डीएपी एवं 5263 मेट्रिक टन एनपीके तथा 600 मेट्रिक टन टीएसपी तथा एसएसपी 6496 मेट्रिक टन शेष भण्डारित है। जिला प्रशासन द्वारा जिले में प्राप्त आगामी रैकों निरंतर खाद की आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाएगी।
कलेक्टर रुचिका चौहान के निर्देश पर जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व द्वारा अपने-अपने क्षेत्र की खाद-बीज विक्रय दुकानों का निरीक्षण भी किया गया है। दुकानदारों को अपनी दुकान के बाहर रेट लिस्ट प्रदर्शित करने के निर्देश दिए गए हैं। जिले में कृषकों द्वारा खरीफ सीजन की फसलों की बुवाई प्रारंभ कर दी गई है। इस हेतु किसानों द्वारा बडी मात्रा में उर्वरकों का उठाव किया जा रहा है। जिले में सहकारी क्षेत्र में विपणन संघ के 6 भण्डारण केन्द्रों, 2 मार्केटिंग समिति व 72 सहकारी समितियों के अतिरिक्त निजी क्षेत्र में 40 थोक विक्रेता एवं 350 फुटकर विक्रेताओं के माध्यम से उर्वरक विक्रय किया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा जिले में प्राप्त रैकों के माध्यम से निरंतर खाद की उपलब्धता एवं पारदर्शी वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है।
खरीफ सीजन में जिले में गत वर्ष 44 हजार मेट्रिक टन यूरिया 14 हजार 900 मेट्रिक टन डीएपी एवं 46 हजार 600 मेट्रिक एनपीके खाद का वितरण निजी एवं सहकारी क्षेत्र के माध्यम से किया गया था। उल्लेखनीय है कि गत वर्ष जून 2024 तक जिले में 8625 मेट्रिक टन यूरिया, 3611 मेट्रिक टन डीएपी, 367 मेट्रिक टन एनपीके खाद का वितरण कृषकों को किया गया था, जिसकी तुलना में इस वर्ष पर्याप्त मात्रा में खाद जिले में उपलब्ध है।
जिले में इन विक्रय केन्द्रों पर कृषकों द्वारा किया जा सकेगा उपलब्ध खाद का उठाव
सहकारी समिति- अजयगढ, अकबई, आंतरि, आरोन बडागांव, बडेरा बुजुर्ग, बंधोली, बनवार, बरई बेहट, बेहटा, बिल्हाती, भेगना, भितरवार बिजोली, छीमक, चितावनी, डबका, दुबहा, गडाजर, घरसोंधी, गोहिन्दा, गुंधारा, इटमा, जडेरुआ, जमाहर, जखारा, झाडोली, कछोऊआ, करई, करहिया, करियावटी, खडवई, खेडापलायचा, मस्तुरा, मोहनगढ, मोहना, पिछोर, पिपरौआ, पनिहार, रंनगवा, रेहट, सहोना, शुक्ल्हारी, सूखापठा, सुपवाली, तिघरा, उटीला मार्केटिंग समिति-भितरवार एवं मुरार, विपणन संघ के समस्त भण्डारण केन्द्र लक्ष्मीगंज, पुतलीघर, डबरा, सिंध डबरा, चीनोर एवं भितरवार, तथा निजी खाद विक्रेता समस्त। डीएपी खाद के सीमित उपयोग को बढावा देने हेतु डीएपी खाद के विकल्प के रूप में एनपीके/ एपीएस तथा नैनो उर्वरकों (डीएपी एवं यूरिया) आदि के निरंतर उपयोग हेतु सभी किसान भाईओं से अपील की जाती है।