ऊर्जा मंत्री ने शहर को स्वच्छ, प्रदूषण मुक्त व हरा-भरा बनाने के लिए की प्रेरणादायी पहल

– एक माह तक एसी में नहीं, टेंट में पंखे के बीच गुजारेंगे रात
– ई-स्कूटी से चलकर शहर वासियों को वायु प्रदूषण रोकने का देंगे संदेश

ग्वालियर, 01 जून। ग्वालियर शहर को स्वच्छ, प्रदूषण मुक्त और हरा-भरा बनाने के लिए ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने विशेष पहल की है। एयर कंडीशनर (एसी) के अंधाधुंध इस्तेमाल से बडे पैमाने पर पैदा हो रहे हानिकारक कार्बनडाइ ऑक्साइड उत्सर्जन के प्रति शहर वासियों को सजग व सचेत करने के उद्देश्य से ऊर्जा मंत्री तोमर ने रात में सोते समय एक माह तक एसी का उपयोग न करने का फैसला किया है। तोमर उपनगर ग्वालियर में कांचमिल स्थित अपने निवास के सामने वाले पार्क में टेंट लगाकर पंखे के सहारे रात गुजारेंगे। उन्होंने यह कदम पर्यावरण संरक्षण के प्रति जन जागरूकता बढाने के उद्देश्य से उठाया है।
मंत्री तोमर ग्वालियर ही नहीं, भोपाल अथवा अन्य शहरों के प्रवास के दौरान भी पंखे के बीच ही रात गुजारेंगे। उन्होंने शहरवासियों को वाहनों से फैलने वाले प्रदूषण के प्रति सजग करने के लिए स्वयं एक माह तक ई-स्कूटी से चलने का फैसला भी लिया है। साथ ही शहर वासियों से अपील की है कि वे इस पुनीत पहल में शामिल होकर शहर को प्रदूषण मुक्त व साफ-सुथरा बनाने के लिए आगे आएं।
ऊर्जा मंत्री तोमर सोते समय एसी का इस्तेमाल न करने के निर्णय के पीछे के कारणों को बताते हुए कहते हैं कि ग्वालियर शहर की लगभग 15 लाख की आबादी में करीबन एक लाख लोग एसी का इस्तेमाल करते हैं। यदि ग्वालियर शहर वासी हर दिन मात्र एक घण्टे एसी न चलाएं तो हर दिन लगभग 167 टन और हर महीने करीबन 5010 टन कार्बनडाइ ऑक्साइड का उत्सर्जन कम किया जा सकता है। इससे शहर की आवोहवा में उल्लेखनीय सुधार होगा। इसलिए उन्होंने शहर वासियों से अपील की है कि वे प्रतिदिन एक घंटे एसी न चलाने का संकल्प लें। इससे हर दिन शहर में 167 टन और महीने भर में 5010 टन कार्बनडाइ ऑक्साइड का उत्सर्जन कम होगा। यह पहल अपने शहर को प्रदूषण मुक्त करने में बडी मदद करेगी और आने वाली पीढियों को बेहतर पर्यावरण हम उपलब्ध करा पाएंगे।
तोमर विशेषज्ञों द्वारा किए गए अध्ययन के आधार पर बताते हैं कि लगभग डेढ टन का स्पिलिट एसी एक मध्यम आकार के कमरे को ठंडा करने के लिए हर दिन लगभग 8 घण्टे इस्तेमाल होता है। इससे करीबन 14.4 यूनिट बिजली खर्च होती है। इस प्रकार एक माह में लगभग 432 यूनिट एक एसी के इस्तेमाल पर खर्च हो जाती है। इतनी बिजली बनाने में करीबन 384 किलोग्राम कोयला खर्च होता है। एक माह में 8 घंटे तक चले एक एसी से मानव शरीर के लिए हानिकारक लगभग 401 किलो ग्राम कार्बनडाइ ऑक्साइड का उत्सर्जन होता है।
आदतों में छोटे-छोटे बदलाव कर शहर को स्वच्छ व प्रदूषण मुक्त बनाने में बनें सहभागी
ऊर्जा मंत्री तोमर ने शहरवासियों से अपील की है कि वे अपनी आदतों में छोटे-छोटे बदलाव लाकर शहर को साफ-सुथरा एवं प्रदूषण मुक्त बनाने में सहभागी बनें। तोमर ने आग्रह किया है कि थोडी बहुत दूरी को साइकिल अथवा पैदल चलकर तय करने को अपनी आदत में शुमार करें। बिजली-पानी की बचत करें। प्लास्टिक का कम से कम उपयोग करें। यदि हम ऐसा कर पाए तो निश्चित ही हमारी धरा स्वच्छ, सुरक्षित व हरी-भरी होगी।