दिन व रात में निर्धारित डेसिबल का पालन सुनिश्चित करें : जिला दण्डाधिकारी

धार्मिक स्थल एवं सार्वजनिक एवं अन्य समारोह आदि में प्रयुक्त होने वाले ध्वनि विस्तारक यंत्र यथा लाउड स्पीकर/ डीजे आदि का प्रयोग रात्रि 10 बज से सुबह छह बजे तक प्रतिबंधित
आदेश का उल्लंघन करने पर संबंधित के विरुद्ध होगी दण्डात्मक कार्रवाई

भिण्ड, 15 दिसम्बर। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालय एवं राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के दिशा निर्देशों, ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 तथा मप्र कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 के प्रावधानों के अनुपालन में दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत जिला भिण्ड की समस्त राजस्व सीमा अंतर्गत समस्त धार्मिक स्थल एवं सार्वजनिक व निजी आवास एवं अन्य समारोह आदि में ध्वनि विस्तारक यंत्रों लाउड स्पीकर/ डीजे के विरुद्ध अनियंत्रित व अवांछित प्रयोग से आपस में विवाद व तनाव की घटनाएं निर्मित होने की स्थिति में ध्वनि विस्तारक यंत्रों के नियम विरुद्ध व अनियंत्रित उपयोग पर प्रभावी प्रतिबंध लगाने के संबंध में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है।
जिला दण्डाधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने जारी आदेश में कहा है कि कोई भी व्यक्ति धार्मिक स्थल एवं सार्वजनिक व निजी आवास एवं अन्य समारोह आदि में ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम 2000 यथा संशोधित के नियम 3(1) व 4(1) के अनुसार नियमावली के शेड्यूल में ‘एम्बीएंट एयर क्वालिटी स्टेंडर्डस इन रिस्पेक्ट ऑफ नॉइस’ के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों जैसे औद्योगिक, वाणिज्यक, रिहायसी व शांत क्षेत्रों में दिन व रात के समय निर्धारित अधिकतम ध्वनि सीमा (डेसिबल) का पालन करना सुनिश्चित करेंगे। जिसमें औद्योगिक क्षेत्र में दिन के समय 75 डेसिबल एवं रात के समय 70 डेसिबल, वाणिज्यक क्षेत्र में दिन के समय 65 डेसिबल एवं रात के समय 55 डेसिबल, रिहायसी क्षेत्र में दिन के समय 55 डेसिबल एवं रात के समय 45 डेसिबल तथा शांत क्षेत्रों में दिन के समय 50 डेसिबल एवं रात के समय 40 डेसिबल का पालन करना सुनिश्चित करेंगे।
कोई भी व्यक्ति धार्मिक स्थल एवं सार्वजनिक एवं अन्य समारोह आदि में प्रयुक्त होने वाले ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 यथा संशोधित के नियम 3(1) तथा 4(1) के अनुसार नियमावली के शेडयूल में अंकित अनुमत्य ध्वनि सीमा (डेसिबल के अंतर्गत ध्वनि मानकों के प्रावधानों का पालन करते हुए सामान्यत: माध्यम आकार के अधिकतम दो डीजे के प्रयोग को ही अनुमत्य किया जाएगा। डीजे व लाउड स्पीकर की विधिवत अनुमति सक्षम अधिकारी (संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी) से ली जाना अनिवार्य होगी। कोई भी व्यक्ति धार्मिक स्थल एवं सार्वजनिक एवं अन्य समारोह आदि में प्रयुक्त होने वाले ध्वनि विस्तारक यंत्र यथा लाउड स्पीकर/ डीजे आदि नियम विरुद्ध अनियंत्रित व अवांछित प्रयोग में नहीं लाएंगे। किसी भी संस्था/ व्यक्ति द्वारा ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 यथा संशोधित के प्रावधानों का पालन करते हुए ही ध्वनि विस्तारक यंत्र लाउड स्पीकर/ डीजे आदि का प्रयोग किया जा सकेगा। ऐसे कार्यक्रम जिनमें नियमों का पालन न करते हुए डीजे/ ध्वनि विस्तारक यंत्रों का अनियंत्रित रूप में प्रयोग किया जाता है तो उनके आयोजकों के विरुद्ध नियमानुसार विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। कोई भी व्यक्ति द्वारा धार्मिक स्थल एवं सार्वजनिक एवं अन्य समारोह आदि में प्रयुक्त होने वाले ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग यदि निर्धारित अधिकतम ध्वनि सीमा (डेसिबल) से किया जाता है ऐसी स्थिति में उक्त ध्वनि विस्तारक यंत्र लाउड स्पीकर/ डीजे आदि लगाने वाले तथा आयोजक की जिम्मेदारी निर्धारित कर उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। कोई भी व्यक्ति धार्मिक स्थल एवं सार्वजनिक एवं अन्य समारोह आदि में प्रयुक्त होने वाले ध्वनि विस्तारक यंत्र यथा लाउड स्पीकर/ डीजे आदि का प्रयोग रात्रि 10 बजे से सुबह छह तक नहीं करेगा।
सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना ध्वनि विस्तारक यंत्र लाउड स्पीकर/ डीजे आदि लगाने वाले संचालक/ प्रबंधक धार्मिक स्थल एवं सार्वजनिक एवं अन्य समारोह आदि में ध्वनि विस्तारक यंत्रों को नहीं लगाएंगे। यदि किसी शासकीय अधिकारी/ कर्मचारी जिसका ध्वनि प्रदूषण (विनियमन और नियंत्रण) नियम 2000 यथा संशोधित के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित कराने का दायित्व था परंतु उसके द्वारा ऐसा ना करने के कारण किसी धार्मिक स्थल/ सार्वजनिक स्थल अथवा कार्यक्रम में नियम विरुद्ध ध्वनि विस्तारक यंत्र/ लाउड स्पीकर/ डीजे प्रयोग में लाया गया हो तो जिम्मेदार अधिकरी/ कर्मचारी के विरुद्ध यथोचित अनुशासनात्मक कार्रवाई सक्षम प्राधिकारी द्वारा की जाएगी।
पुलिस अधीक्षक भिण्ड एवं संबंधित अनुविभागीय दण्डाधिकारी जिला भिण्ड तथा समस्त थाना प्रभारी जिला भिण्ड उक्त प्रतिबंधात्मक आदेश का प्रभावी रूप से पालन कराना सुनिश्चित करेंगे तथा आदेश का उल्लंघन होने की दशा में वैधानिक कार्यवाही करना सुनिश्चित करेंगे। आदेश का उल्लंघन करने की दशा में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188, पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986, ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम 2000, मप्र कोलाहल नियंत्रण अधिनियम की सुसंगत प्रावधानों तथा अन्य अधिनियमों के प्रावधानों के अंतर्गत संबंधित के विरुद्ध दण्डात्मक कार्रवाई की जाएगी। मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर पालिका/ नगर परिषद (समस्त) एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत समस्त उक्त आदेश का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार हेतु नगरीय क्षेत्र/ ग्रामीण क्षेत्र में कराना सुनिश्चित करेंगे।