भिण्ड, 26 सितम्बर। गोहद तहसील के एक बाबू ने भृत्य के साथ मिलकर तीन कोटवारों व एक भृत्य की फर्जी नियुक्ति कर दी। मामले में जांच के बाद कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के आदेश पर गोहद तहसीलदार नरेश शर्मा ने आरोपियों के खिलाफ में एफआईआर दर्ज कराई है।
गोहद में वर्ष 2013 में तहसील के सहायक ग्रेड-दो परशुराम लहारिया ने भृत्य रामरतन जाटव के साथ मिलकर तीन कोटवारों और एक भृत्य की फर्जी नियुक्ति कर उनके खातों में हर महीने वेतन डालना शुरू कर दिया। उक्त फर्जीवाडे की जब शिकायत हुई तो मामले की जांच कराई गई, जांच में फर्जीवाडा पाए जाने पर आरोपियों कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
भृत्य अपनी ही बेटी के खाते में डलवा रहा था कोटवार का वेतन, मौत के बाद खुला मामला
जानकारी के अनुसार दूसरे मामले में गोहद तहसील के सहायक ग्रेड-2 परशुराम लहारिया ने भृत्य रामरतन जाटव के साथ मिलकर तीन कोटवारों और एक भृत्य की फर्जी नियुक्ति दिखाकर उनके खातों में हर महीने वेतन भेजना शुरू कर दिया। इसमें खास बात तो यह है कि भृत्य रामरतन जाटव ने अपनी बेटी की भी फर्जी नियुक्ति कर उसके खाते में हर महीने रुपए डलवाए। वहीं करीब छह साल पहले भृत्य रामरतन की मौत हो गई, जिसके बाद उनकी बेटी राजकुमारी की उनके पद पर अनुकंपा नियुक्त हो गई। वहीं जब इस मामले की शिकायत हुई तो कलेक्टर ने देहगांव वृत्त के तत्कालीन नायब तहसीलदार निशिकांत जैन के नेतृत्व में एक टीम बनाई। जांच में शिकायत सत्य पाए जाने पर रविवार की रात तहसीलदार नरेश शर्मा ने फर्जी ढंग से नियुक्त पाने वाले अफजल पुत्र फजेल रहमान निवासी वार्ड क्र.दो गोहद, रामवीर पुत्र मुन्नालाल बघेल निवासी वार्ड क्र.16 गांधी नगर गोहद, राजकुमारी निवासी गोहद हाल ई-5 जगजीवन नगर ग्वालियर, भगवती पुत्र पातीराम बाथम निवासी वार्ड क्र.15 गोहद, बृजेश पुत्र हरीशशंकर श्रीवास निवासी वार्ड क्र.चार गोहद के अलावा बाबू परशुराम लोहिया के खिलाफ धोखाधडी का केस दर्ज कराया है।
सरकारी पैसा लेने वालों पर रिकवरी
इस मामले में फर्जी नियुक्ति पाकर वेतन ले रहे लोगों पर शासन ने रिकवरी भी निकाली है, जिसमें रामवीर सिंह पर 20 महीने के एक लाख 25 हजार रुपए, राजकुमारी पर 41 महीने के 96 हजार रुपए, भगवती पर 20 महीने के 72 हजार रुपए, बृजेश पर 19 महीने के 1.67 लाख रुपए की रिकवरी निकाली गई है। बताया जा रहा है कि उक्त राशि जमा कर दी गई है। साथ ही उन्हें पद से पृथक कर दिया गया है। जबकि बाबू परशुराम लोहिया सेवानिवृत्त हो चुके हैं।