46 गांव में ओलावृष्टि के लिए शासन ने भेजे करीब 30 करोड रुपए, पटवारियों ने हडपे

तीन पटवारियों ने किसानों की राहत दूसरों के खातों में भेज दी

भिण्ड, 26 सितम्बर। गोहद में सरकारी कर्मचारियों के धोखाधडी के मामले सामने आए हैं। जिसमें तीन पटवारियों ने मिलकर ओलावृष्टि की राहत राशि पात्र किसानों के खातों में न भेजते हुए दूसरों के खाते में डाल दी। मामले में जांच के बाद कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के आदेश पर गोहद तहसीलदार नरेश शर्मा ने आरोपियों के खिलाफ में एफआईआर दर्ज कराई है।
ज्ञात हो कि वर्ष 2020 में गोहद क्षेत्र में ओलावृष्टि हुई थी, जिसमें गोहद क्षेत्र के किसानों की काफी फसल खराब हुई थी। सरकार ने किसानों की ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों के लिए राहत राशि स्वीकृत की थी। लेकिन गोहद तहसील के तीन पटवारी संजीव दीक्षित, रामनिवास लोहिया और संजय जरारिया ने उक्त राशि पात्र किसानों के खातों में न डालते हुए दूसरे खातों में भेज दी, जिससे पात्र किसान इस राशि से वंचित रह गए।
दूसरे किसानों के खातों में डाला पैसा, 19 पटवारियों की मिली संलिप्तता
तहसीलदार नरेश शर्मा ने बताया कि वर्ष 2020 में हुई ओलावृष्टि की राशि पात्र किसानों के बजाए दूसरे किसानों के खातों में भेजे जाने के मामला सामने आया था, जिसमें 19 पटवारियों की संलिप्तता पाई गई। इस मामले जांच समिति ने पाया पटवारी संजीव दीक्षित को ग्राम माधोगढ, कीरतपुरा, पटवारी रामनिवास लोहिया को भौनपुरा, पडराई एवं पटवारी संजय जरारिया को बिलोनी, चिराई ने वर्ष 2020 में हुई ओलावृष्टि की राहत राशि जानबूझकर संबंधित पीडित किसानों के स्थान पर दूसरे गांव के किसानों के बैंक खातों में भेजी। तीनों पटवारियों का यह कृत्य जांच समिति ने गंभीर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी माना। साथ ही जांच रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को प्रस्तुत की। इस मामले में कलेक्टर के आदेश पर रविवार की रात गोहद तहसीलदार ने गोहद थाना पहुंचकर पटवारी संजीव दीक्षित, रामनिवास लोहिया और संजय जरारिया के खिलाफ धोखाधडी और साजिश रचने की धाराओं में केस दर्ज कराया है।
12 पटवारी किए निलंबित
इसी मामले में रविवार को ही गोहद तहसीलदार नरेश शर्मा ने 12 पटवारियों को निलंबित किया है। जिसमें कमलकिशोर शर्मा, आशीष सेंगर, शिवचरण नरवरिया, योगेश अग्रवाल, आकांक्षा वाजपेयी, रविन्द्र उपाध्याय, अजय खरे, संजय शर्मा, गौरव माहौर और संजीव पाठक सहित अन्य दो शामिल हैं। जबकि पांच पटवारी पहले से निलंबित चल रहे थे। वहीं दो पटवारियों के विरुद्ध पहले ही धोखाधडी का केस दर्ज किया जा चुका है।