तहसीलदार की हठधर्मिता, 31 कोटवारों को नौकरी से निकाला

– एसडीएम को सीटू ने दिया ज्ञापन

भिण्ड, 12 अगस्त। रक्षाबंधन खुशियों का त्योहार उन परिवारों के लिए फीका हो गया जब अटेर तहसीलदार राकेश इमले की हठधर्मिता के कारण गांव की सुरक्षा करने वाले 31 चौकीदारों को 4 अगस्त को पद से पृथक कर दिया है। इस संबंध में एसडीएम अंकुर गुप्ता को ज्ञापन सौंपा गया।
मध्यप्रदेश भाजपा सरकार ने चौकीदारों के लिए कोई नया नियम बनया है तो वह संपूर्ण राज्य के साथ भिण्ड जिला में भी लागू होना चाहिए था लेकिन वह कानून सिर्फ अटेर तहसील के 31 चौकीदारों के लिए पृथक कानून बना है, जिसने 31 चौकीदार परिवारों का निबाला छीन लिया है। सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियंस सीटू जिला उपाध्यक्ष देवेन्द्र कुमार शर्मा ने उक्त आरोप भाजपा सरकार के साथ अटेर तहसीलदार पर लगाये है।
सीटू जिला कमेटी भिण्ड 5 सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल ने एसडीएम अंकुर गुप्ता को ज्ञापन देकर मांग की है कि पद से पृथक सभी 31 चौकीदारों की पुन: सेवा बहाल की जाए, क्योंकि चौकीदारी करने के साथ प्रशासनिक अमले में सबसे आखिरी गांव का प्रशासनिक अधिकारी की जिम्मेदारी को भी निभाता है। लेकिन जीवन यापन के लिए 300 रुपए प्रतिदिन भी नहीं मिलता है और ड्यूटी 24 घण्टे की होती है भाजपा सरकार अपने कर्मचारियों का शोषण कर रही है। न्यूनतम वेतन 26 हजार शासकीय कार्यालयों में तैनात चौकीदारों के समान वेतन मिलना चाहिए पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री निवास पर चौकीदारों की पंचायत कर घोषणा 2007 में की थी कि कोटवारों को साइकिल दी जाएगी, दो जोडी जूता, दो जोडी ड्रेस, भाला, टार्च आदि समान दिया जाएगा लेकिन वह आधा अधूरा मिला है। ज्ञापन देने वालों में सीटू जिला महासचिव अनिल दौनेरिया के अलावा शिशुपाल सिंह दधिराम, गणपति, साहिद खान, संध्या सहित दो दर्जन चौकीदार उपस्थित रहे।