भिण्ड, 15 जून। मप्र सरकार ने मप्र विद्युत मण्डल का जब से विखण्डन कर बिजली विभाग को निजी हाथों में सौंपा है, तब से बिजली संकट बढ़ा है। गोहद में भीषण गर्मी में लिपिंग, फाल्ट, जंफर की समस्या आए दिन हो रही है तथा कई जगह ट्रांसफार्मर फुंके पड़े हैं। भीषण तपन एवं गर्मी में बिजली कटौती होने के कारण जनता में त्राहि-त्राहि मची हुई है। गोहद में 24 घण्टे में 12 घण्टे भी बिजली नसीब नहीं है। इस वजह से आमजन का जीना मुश्किल हो गया है तथा बिजली कटौती से पेयजल सप्लाई भी नहीं हो पा रही है। माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने गोहद में जारी विद्युत कटौती पर रोक लगाने की मांग की है।
माकपा नेता व पूर्व गोहद नगर पालिका अध्यक्ष प्रेम नारायण माहौर ने बिजली संकट के लिए मप्र की बीजेपी सरकार को दोषी ठहराया है। उन्होंने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाया है कि एक तरफ बिजली कटौती हो रही है, दूसरी ओर महंगी बिजली आमजन को दी जा रही है, अनाप-शनाप बिजली बिल आम उपभोक्ताओं दिए जा रहे हैं। बिजली बिलों में तो कोई रहत नहीं है, गरीबों एवं बीपीएल धारियों को जो सुविधा प्रदान की जा रही थी, वो सुविधा भी मप्र की बीजेपी सरकार ने पूरी तरह से वापस ले ली है। माकपा नेता ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर समय रहते बिजली कटौती पर रोक नहीं लगाई गई तो माकपा को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
माकपा नेता प्रेम नारायण माहोर ने कहा कि कांग्रेस बीजेपी विधानसभा चुनाव की तैयारी में व्यस्त है और जनता बिजली कटौती से हैरान है। उन्होंने कहा है कि शीघ्र माकपा और जन संगठनों में किसान सभा, महिला समिति, नौजवान सभा, खेतिहर मजदूर यूनियन एवं मुस्लिम अधिकार मंच की संयुक्त बैठक आयोजित करेंगे, जिसमें गोहद में जारी बिजली कटौती नहीं रोकी गई तो बिजली कंपनी कार्यालय पर आंदोलन किए जाने का फैसला आगामी दिनों में बुलाई जाने वाली बैठक में लिया जाएगा। जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।