18 वर्ष से कम उम्र के बालकों को है नि:शुल्क विधिक सहायता का अधिकार

भिण्ड, 14 जून। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देशानुसार एवं प्रधान जिला न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड सुरभि मिश्रा के आदेशानुसार बाल गृह भिण्ड में विधिक साक्षरता एवं जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर जिला न्यायाधीश/ सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिण्ड हिमांशु कौशल ने उपस्थित जनों को नालसा की बालकों के लिए मैत्रीपूर्ण विधिक सेवाएं योजना 2015 के अंतर्गत बाल अधिकार अधिनियम 2005 के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि बच्चों के अधिकारों के संरक्षण हेतु राष्ट्रीय स्तर पर राष्ट्रीय बाल सुरक्षा अधिकार आयोग (एनसीपीसीआर) तथा राज्य स्तर पर राज्य बाल सुरक्षा अधिकार आयोग (एससीपीसीआर) का गठन किया गया है। उक्त दोनों सस्थाएं मुख्यत: बच्चों से संबंधित कानूनों के क्रियान्वयन तथा भारत सरकार एवं राज्य सरकारों को बच्चों से संबंधित पॉलिसी पर सलाह प्रदाय करती हैं। इसके अतिरिक्त उन्होंने चाईल्ड हेल्प लाईन नं.1098 के संबंध में भी जानकारी दी।
जिला विधिक सहायता अधिकारी भिण्ड सौरभ कुमार दुबे ने नि:शुल्क विधिक सहायता योजना के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि बच्चे नियमानुसार नि:शुल्क विधिक सहायता हेतु पात्र हैं, जिसका लाभ वे स्वयं या अपने अभिभावक के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में उपस्थित होकर/ पत्र के माध्यम से या टोल फ्री नं.15100 पर संपर्क कर प्राप्त कर सकते हैं। इस अवसर पर बालगृह की अधीक्षिका निधि चौबे एवं बालगृह का स्टाफ, बच्चे तथा पीएलव्ही भिण्ड जितेन्द्र शर्मा उपस्थित रहे।
इसी क्रम में किशोर न्याय बोर्ड भिण्ड में विधिक साक्षरता एवं जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें प्रिंसिपल मजिस्ट्रेट किशोर न्याय बोर्ड भिण्ड अंकिता गुप्ता ने उपस्थित जनों को किशोर न्याय अधिनियम के प्रावधानों की जानकारी दी, साथ ही नि:शुल्क विधिक सहायता योजना के अंतर्गत जानकारी देते हुए बताया कि 18 वर्ष से कम उम्र के बालकों को नि:शुल्क विधिक सहायता का अधिकार है, जिसे किशोर न्याय बोर्ड में अधिवक्ता की मांग कर या जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत कर प्राप्त किया जा सकता है। इसके साथ ही टोल फ्री नं.15100 पर भी संपर्क कर विधिक सहायता प्राप्त की जा सकती है।