छात्रों को अंधेरा में रहकर करना पड़ी रही है परीक्षा की तैयारी, डीई बोले- पौने दो करोड़ की राशि बकाया
भिण्ड, 10 फरवरी। मप्र मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड संभाग गोहद के फीडर ऐंचाया के 22 गांव की बिजली विद्युत विभाग ने काट दी है। आधुनिक युग में किसान अंधेरे में जीवन यापन कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि इन दिनों फसलों को पानी की आवश्यकता है और बिजली काट दी है। इन गांव के किसानों की बिजली पिछले एक माह से बकाया बिल का भुगतान न करने पर काट दी गई है।
विद्युत विभाग के उप महाप्रबंधक एलएन पाटीदार ने बताया कि बकाया बिजली बिल के उपभोक्ताओं को कार्यालय पदेन तहसीलदार उप संभाग गोहद के नाम से कुर्की नोटिस जारी किए गए हैं। निश्चित समय अवधि में बकाया बिजली का भुगतान जमा न कराने पर राजस्व रिकार्ड खसरा कोलम 12 में (प्रविष्ट) दर्ज कराया जाएगा, बैंकों में खातों पर होल्ड लगाया जाएगा, चल अचल संपत्ति को कुर्क करने की कार्रवाई भी की जाएगी। अभी 600 बकाया उपभोक्ताओं को नोटिस जारी किए गए हैं। बिजली विभाग ने बैंक खाते पर रोक चल अचल संपत्ति कुर्क करने के नोटिस थमाए हैं।
22 गांव की बिजली कटी
आधुनिक युग में जब व्यक्ति बिना विद्युत के जीवन यापन करना मुनासिब नहीं है। व्यक्ति पूर्णत: बिजली पर निर्भर हो गया है, चाहे आटा पीसना, पानी निकालना, खेतों में पानी देना, मोबाइल चार्जिंग, विद्युत के कई उपकरण जिनकी व्यक्ति को आदत पड़ गई है। इधर 10वी, 12वी व अन्य परीक्षा नजदीक आने से छात्र-छात्राएं भी परेशान हैं। छात्रों को लालटेन व मोमबत्ती के सहारे पढ़ाई करनी पड़ रही है, जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। अगले महीने मार्च में हाईस्कूल व हायर सेकेण्ड्री के छात्र-छात्राओं की परीक्षा होनी है। विद्यार्थी परीक्षा में अव्वल आने के लिए दिन-रात पढ़ाई कर रहा है। खेतों में खड़ी फसल के सूखने का संकट बढ़ गया है। लोग मोबाइल चार्जिंग से लेकर आटा पिसाने के साथ ही पानी की समस्या से परेशान हो रहे है। समर बिजली के अभाव में बंद हो गए हैं। जिसमें लोगों को हैण्डपंप से पानी खींचना पड़ रहा है। ट्यूबवेल बंद होने से किसानों के चेहरे मायूस हो गए हैं।
विद्युत विभाग की मानें तो गोहद संभाग के 35 हजार उपभोक्ताओं पर 70 करोड़ विद्युत बिल बकाया निकल रहा है। 22 गांव के 1700 उपभोक्ताओं पर एक करोड़ 80 लाख रुपए निकल रहा है। बिजली बकाया जिसके चलते काटी गई है। जिनमें सिसोनिया, बरथरा, बंधा बरथरा, रमनपुरा, बंकेपुरा, बंजारे का पुरा, बड़ागर, जियाजीपुर, बगुलरी का पुरा, रूरी का पुरा, कमलापुर, आलोरी, ऐंचाया, पिपरौली, माता का पुरा, चंदूपुरा पारसेन, रूरी का पुरा, कठवांहाजी, चक झाबलपुर, झाबलपुर, कंजिया का पुरा, घेटन का पुरा, रुड़ का पुरा इत्यादि हैं।
जनप्रतिनिधि हुए विलुप्त
गोहद विधानसभा के 22 गांव की विद्युत काट दी गई है, मगर किसान की खड़ी फसल के समय कोई भी जनप्रतिनिधि किसान की इस महत्वपूर्ण समस्या के बारे में जानने तक नहीं आए, निवारण तो दूर की बात है। ऐसा प्रतीत होता है कि गोहद में कोई जनप्रतिनिधि नहीं है, सारे विलुप्त हो गए हैं, इन नेताओं के मेले कुछ महीने बाद लगेंगे, यह सभी नेता अपने-अपने राजनीतिक मंचों से जनता को भगवान की संज्ञा देते नजर आएंगे।