राष्ट्र निर्माण की दिशा में सक्रिय योगदान देने का युवाओं ने लिया संकल्प

युवा सप्ताह के समापन एनएसएस द्वारा संगोष्ठी आयोजित
कार्यक्रम में छात्रों को करियर चुनाव के मुख्य टिप्स भी दिए

भिण्ड, 19 जनवरी। युवा कार्य एवं खेल मंत्रालय,भारत सरकार के निर्देशन में राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा स्वामी विवेकानंद की जयंती 12 जनवरी राष्ट्रीय युवा दिवस से 19 जनवरी तक हर वर्ष राष्ट्रीय युवा सप्ताह मनाया जाता है। इसी क्रम में 19 जनवरी को उत्कृष्ट विद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा समापन अवसर पर प्राचार्य पीएस चौहान के निर्देशन एवं कार्यक्रम अधिकारी डॉ. धीरज सिंह गुर्जर के मार्गदर्शन में स्वामी विवेकानंद जी के व्यक्तित्व और कृतित्व विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य रूप से जिला रोजगार अधिकारी उपेन्द्र शर्मा, ट्रेनिंग आफिसर आईटीआई चन्द्रेश करैया, एकेडेमिक प्रभारी आरबी शर्मा उपस्थित रहे।
इस अवसर पर उपेन्द्र शर्मा ने कहा कि स्वामी विवेकानंद जी के विचार आज भी प्रासंगिक है, उनके आदर्शों पर चलकर हर युवा अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। स्वामीजी ने कहा था कि वास्तविक शिक्षा वही है जो चरित्र निर्माण करे, व्यक्ति निर्माण करे, हमें आत्म निर्भर बनाए। अत: स्वावलंबन के लिए रोजगार परक शिक्षा जरूरी है। प्रशिक्षण अधिकारी चन्द्रेश करैया ने कहा कि कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता, जिसमें हमारी रुचि हो, उसमें दक्षता हांसिल कर पूरी निष्ठा और मेहनत से करें तो सफलता जरूर मिलती है। स्वामी विवेकानंद जी का भी यह मानना था कि पूरी लगन के साथ एकाग्रचित्त होकर किया गया कार्य शीघ्र सफलता दिलाता है, वे एकबार में जो चीज पढ़ लेते थे वो हमेशा के लिए उन्हें याद हो जाती थी। व्यवसायिक शिक्षक भूपेन्द्र सिंह कुशवाह और मधुराज शर्मा ने अपने विचार व्यक्त करते हुए छात्रों को बताया कि हमें अपनी क्षमता और रुचि के अनुसार करियर का चुनाव करना चाहिए।
कार्यक्रम अधिकारी धीरज सिंह गुर्जर ने कहा कि विवेकानंद जी युवाओं के प्रेरणास्त्रोत हैं, उन्होंने भारतीय वेदांत दर्शन का परचम पूरे विश्व में लहराया। युवाओं को राष्ट्र के प्रति अपनी भूमिका निभाने का आह्वान किया। अंत में कार्यक्रम अधिकारी ने उपस्थित सभी लोगों को राष्ट्र निर्माण की दिशा में अपना सक्रिय योगदान देने की शपथ दिलाई कि हम सब अपनी ऊर्जा और प्रतिभा का उपयोग देश के नागरिकों की सुविधा के लिए, राष्ट्र के विकास के लिए करेंगे। अपने अच्छे मन, अच्छे वचन व अच्छे कर्म के जरिए राष्ट्र की सेवा के लिए सदा प्रयासरत रहेंगे।