शासकीय विद्यालयों में सोता बच्चों का भविष्य, कैसे सुधरे शिक्षा का स्तर

कहीं शिक्षिक के परिजन कहीं खुद शिक्षक सोते मिले स्कूल ऑफिस में

भिण्ड, 04 अगस्त। मप्र के मुखिया शिवराज सिंह चौहान सरकारी स्कूल में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए कई प्रयास कर रहे हैं, लेजिन उनके इन प्रयासों पर 80 हजार तक की सैलरी लेने वाले सरकारी शिक्षक ही पलीता लगाते नजर आ रहे हैं।
हम बात कर रहे हैं भिण्ड जिले के रौन क्षेत्र के गोरई विद्यालय की, यहां हद तब हो गई जब सरकारी स्कूल में शिक्षिका के पति अपने घर की तरह ही कुर्सी-टेवल पर पैर पसारे सोते हुए नजर आए। वहीं दूसरी ओर अटेर क्षेत्र के हुकुम सिंह के पुरा में भी एक शिक्षक सोते हुए मिले। शायद ऐसे शिक्षक भूल गए जो बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं, उन्हीं की बदौलत हजारों की सैलरी ले रहे हैं, उसके बावजूद भी बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। हालांकि इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी हरिभुवन सिंह तोमर ने कहा कि दोनों मामले हमारे संज्ञान में आए हैं और ऐसे शिक्षक जो बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

इनका कहना है –

जैसे ही मेरे संज्ञान में ये मामला आया, मैंने बीआरसी से तुरंत ही जानकारी ली, साथ ही अटेर क्षेत्र हुकुम सिंह का पुरा का मैटर संज्ञान में आया है, उस पर भी मैं कार्रवाई करूंगा। शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए हम कलेक्टर साहब और सीईओ साहब खुद विद्यालयों पर जाकर ऐसे शिक्षकों जिनका ध्यान शिक्षा की गुणवत्ता पर नहीं है, ऐसे शिक्षकों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करेंगे।
हरिभुवन सिंह तोमर, जिला शिक्षा अधिकारी