रेत खदान संचालक को कारण बताओ नोटिस जारी

मामला प्रतिबंधित अवधि में अवैध रूप से रेत खदान संचालित करने का

भिण्ड, 27 जुलाई। कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस ने समूह क्र.दो में संलग्न खदान ग्राम धौर-एक से प्रतिबंधित समय में रेत खनिज के खनन एवं परिवहन हेतु खदान में डम्परों को ले जाने से अवैध रूप से संचालन किए जाने पर राघवेन्द्र सिंह पुत्र मेघराज सिंह निवासी सी-128, उर्मिला मार्ग, हनुमान नगर, वैशाली नगर, जयपुर राजस्थान को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
नोटिस में कहा है कि आपके पक्ष में जिला भिण्ड की तहसील मेहगांव, मिहोना एवं लहार की समूह क्र.दो में शामिल खदान ग्राम धौर-एक के खसरा नं. एक, दो, 12, 45, 67 रकबा 18.230 हेक्टेयर सिंध नदी में रेत खनिज के लिए खदान ठेका दो जून 2022 से 30 जून 2023 तक की अवधि के लिए स्वीकृत है, उक्त खदान की पर्यावरणीय स्वीकृति अभी तक आपके द्वारा प्रस्तुत नहीं की गई है। उक्त खदान का 21 जुलाई 2022 को राजस्व विभाग, पुलिस विभाग एवं खनिज विभाग के संयुक्त दल द्वारा आकस्मिक निरीक्षण किए जाने पर 76 ट्रक, डंपर, ट्रॉला अवैध रूप से रेत का उत्खनन एवं परिवहन करने हेतु नदी के खदान क्षेत्र में एवं खदान के पहुच मार्ग में पाए गए। यह कृत्य खदान ठेके के निष्पादित अनुबंध पत्र एवं एसईआईएए तथा एनजीटी के नियमों एवं निर्देशों का स्पष्टत: उल्लंघन है।
आपके द्वारा खदान ग्राम धौर-एक की सिया से पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त कर कार्यालय में प्रस्तुत नहीं की गई है, जिसके कारण उक्त खदान का आपके पक्ष में अनुबंध न किया जाकर कब्जा नहीं दिया जा सका है। बावजूद इसके आपके द्वारा बिना अनुबंध/ कब्जा प्राप्त किए उक्त खदान से खनिज रेत का खनन/ परिवहन का कार्य कराया जाना पाया गया है। अभी तक आपके पक्ष में रेत परिवहन हेतु अभिवहन पास जारी नहीं किए गए हैं। बावजूद इसके आपके द्वारा बिना पर्यावरणीय स्वीकृति एवं प्रतिबंधित अवधि में खदान से रेत का उत्खनन एवं परिवहन कराना पाया गया है।
उपरोक्त खनिज नियमों, ठेका खदान की निष्पादित अनुबंध पत्र की शर्तों एवं पर्यावरणीय नियमों का सम्यक रूप से पालन न करने तथा एनजीटी के आदेशों के उल्लंघनों के फलस्वरूप गंभीर त्रुटि किए जाने की स्थिति में क्यों न खदान का ठेका निरस्त किया जाए या सम्यक रूप से ठेके के निष्पादित अनुबंध पत्र की शर्त क्र.एक के तहत आपके द्वारा जमा की गई सुरक्षा राशि नौ करोड़ नौ लाख नौ हजार रुपए को शासन पक्ष में राजसात की जाए। कलेक्टर ने 30 दिवस के अंदर समाधान कारक लिखित उत्तर मय प्रमाण जवाब मांगा है।