दुष्कर्म कर जबरदस्ती शादी करने की धमकी देने वाले दो आरोपियां को 20 वर्ष का सश्रम कारावास

ग्वालियर, 29 जून। अनन्यत: विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) ग्वालियर श्रीमती आरती शर्मा के न्यायालय ने दुष्कर्म कर जबरदस्ती शादी करने की धमकी देने वाले आरोपीगण जीतू उर्फ जितेन्द्र पुत्र जगदीश जाटव उम्र 23 वर्ष, देशराज पुत्र राकेश पाल उम्र 22 वर्ष को धारा 366 भादंवि में दोषी पाते हुए पांच-पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं एक-एक हजार रुपए जुर्माना, धारा 376डी भादंवि में 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो-दो हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।
अभियोजन की ओर से सफल पैरवी करने वाले अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी अनिल मिश्रा एवं एडीपीओ श्रीमती कल्पना यादव ने प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि फरियादिया ने पुलिस थाना पनिहार पर उपस्थित होकर जुवानी रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह पांच सितंबर 2017 को दोपहर एक बजे अपने घर ग्राम पार से निकलकर साइकिल से कोचिग पढऩे ग्राम बनवार जा रही थी, गांव के बाहर बने प्रतिक्षालय ग्राम पार के पास उसकी मौसी के गांव बनियातोर का जीतू उर्फ जितेन्द्र व उसका दोस्त देशराज मोटर साइकिल से आए और उसे जबरदस्ती बाईक पर बिठाकर चन्द्रवदनी नाका ग्वालियर में एक कमरे में ले गए, उसी कमरे में उसके साथ जीतू ने देशराज की मदद से दुष्कर्म किया। करीब दो घण्टे कमरे में रुकने के बाद मोटर साइकल से ही उसे डबरा रेल्वे स्टेशन लाए और फिर यह लोग उसे ग्राम फतेहपुर जीतू की दीदी के यहां ले गए, रात में वहीं रोका था। दूसरे दिन सुबह यह लोग उसे डबरा रेल्वे स्टेशन पर छोड़कर चले गए, जाते समय आरोपीगण ने धमकी दी यदि तूने रिपोर्ट की तो तुझे व तेरे परिवार वालों को जान से खत्म कर देंगे। फरियादिया ने अपने पापा को डबरा रेल्वे स्टेशन पर बुलवाया और पिता को उस समय डर के कारण कोई बात नहीं बताई। नौ सितंबर 2017 को मौसा व मौसी के घर आने पर सारी बात बताई थी। अभियोक्त्री व उसके पिता ने थाना पनिहार में अपराध क्र.93/2017 अंतर्गत धारा 363, 366, 376, 506, 34 भादंवि एवं धारा 3(1) डब्यूपर (आई) 3(2)(पांच) एससी/एसटी एक्ट का अपराध पंजीवद्ध कराया। पुलिस ने विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय के समक्ष पेश किया। न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों व साक्ष्यों को प्रमाणित पाते हुए आरोपीगण जीतू उर्फ जितेन्द्र पुत्र जगदीश जाटव उम्र 23 वर्ष, देशराज पुत्र राकेश पाल उम्र 22 वर्ष को धारा 366 भादंवि में पांच-पांच वर्ष का सश्रम कारावास एवं एक-एक हजार रुपए जुर्माना, धारा 376डी भादंवि में 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं दो-दो हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया है।