गुरू पूर्णिमा का पर्व गुरू और शिष्य दोनों के लिए ही महत्वपूर्ण : रामदास महाराज

दंदरौआधाम में 23 व 24 जुलाई को दो दिन मनाई जाएगी गुरु पूर्णिमा

भिण्ड, 18 जुलाई। जिले के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल दंदरौआ धाम में गुरू पूर्णिमा 23-24 जुलाई को दो दिन मनाई जाएगी। इस अवसर पर 20 जुलाई मंगलवार से वृंदावन धाम के प्रसिद्ध रासलीला लेखराज द्वारा 2100 लांगूरों की झांकी के साथ ही कई झांकियां चार दिनों तक दिखाई जाएंगी तथा श्रीकृष्ण कथा चार दिनों तक दंदरौआ धाम में चलेगी। कथा का वाचन पं. अभिषेक शास्त्री द्वारा किया जाएगा।
जानकारी देते हुए दंदरौआ धाम के महंत महामण्डलेश्वर श्रीश्री 1008 रामदास जी महाराज ने बताया कि गुरू पूर्णिमा का पर्व गुरू और शिष्य दोनों के लिए ही महत्व रखता है, जिससे शिष्य को पूरे वर्ष की उर्जा प्राप्त होती है। पुराणों में कहा गया है कि वैसे तो शिष्य नित्य ही गुरू का ध्यान करते हैं लेकिन गुरू पूर्णिमा का महत्व अलग ही होता है। उन्होंने बताया कि भक्त, भक्त, भगवंत, गुरू यह चारों नाम देखने में तो अलग-अलग लगते हैं, लेकिन उनका अर्थ एक है गुरू। गुरू ही शिष्य को अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाता है। गुरू ही शिष्य का अज्ञान समाप्त करके ज्ञान की ओर ले जाता है। इसलिए गुरु पूर्णिमा का विशेष महत्व माना गया है। शिष्य गुरू पूजन कर एक नई ऊर्जा प्राप्त करते हैं, जैसे मोबाइल को चलाने के लिए उसकी बैटरी चार्ज करनी पड़ती है उसी प्रकार शिष्य को भी चार्ज होने की आवश्यकता पड़ती है। गुरू के सानिध्य में जाने से शिष्य को वह ऊर्जा प्राप्त होती है। धाम के प्रवक्ता जलज त्रिपाठी ने श्रृद्धालुओं से अनुरोध है कि शासन के नियमों का पालन करें। मास्क लगाकर एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए ही मन्दिर में प्रवेश करें।