अनियमितता के सवाल पर भड़के बीएमओ, कहा- मैं पूरी तरह झूठा और फर्जी व्यक्ति हूं, मुझ पर एफआईआर दर्ज करा दो

भिण्ड, 15 जुलाई। जिले के मेहगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर वहां के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर द्वारा जमकर अनियमितताएं किए जाने की शिकायतें मिल रही हैं। ताजा मामला यह है कि जहां सरकारी पर्चा बनाकर मरीजों को दवाई दी जानी चाहिए, वहां मरीजों के पर्चे ही नहीं बनाए जा रहे, जबकि मरीजों से पर्चे की राशि वसूल करके सादा कागज पर ही दवाई लिखी जा रही थी। इस बारे में जब दवा दे रहे डॉक्टर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि पर्चा बनाने वाला लड़का अभी नहीं आया है, जबकि मरीजों की भीड़ जुट रही थी। ऐसे में उन्होंने बिना कोई पैसा लिए सादा कागज पर ही मरीजों को दवाई देनी शुरू कर दी, ताकि भीड़ ना जुटे।
जब पत्रकारों ने यह मुद्दा मेहगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर के सामने उठाया और उनसे सवाल किया तो बीएमओ भड़क गए। पहले तो वह प्रिंटर खराब होने की बात कहकर पल्ला झाड़ते नजर आए। जब उनसे कहा गया कि उनके पास मौजूद वीडियो क्या झूठे हैं? तो बीएमओ का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उन्होंने कहा कि आपके वीडियो ही सच्चे हैं, मैं सौ प्रतिशत झूठा और फर्जी व्यक्ति हूं, मेरे खिलाफ आप एफआईआर दर्ज करवा देना। इतना ही नहीं वह आग बबूला हो गए और शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने की धमकी तक दे डाली जिसके परिपेक्ष में कुछ पत्रकारों ने संगठित होकर आवेदन मेहगांव थाने मैं दिया है, डॉक्टर से दूरभाष पर बात की तो उन्होंने बताया कि पत्रकार हमें लगातार परेशान कर रहे हैं, जब उनसे पूछा सवालों के जवाब में परेशानी क्या है, तो वो बोले पैसे लेकर खबरें दबाने का काम कर रहे हैं, फिर उनसे पूछा क्या आप पैसे देकर पत्रकारों से अपनी नाकामियों पर पर्दा डालते हैं तो उन्होंने कहा बैठकर बात करेंगे, जब कोई संतुष्टि पूर्वक जवाब नहीं मिला तो सीएमएचओ डॉ. अजीत मिश्रा से बात की तो उन्होंने बयान को खेद पूर्वक बताते हुए मेहगांव बीएमओ को हटाने की बात कही।
दरअसल मेहगांव सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के बीएमओ पर अनियमितताएं, फर्जीवाड़े और भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। मौके पर जो पत्रकार मौजूद था उसके द्वारा इनकी अनियमितताओं की जानकारी लेने के लिए आरटीआई लगाई गई थी और इसी बात से बीएमओ साहब पहले से ही पत्रकार पर भड़के हुए थे। बीएमओ द्वारा रोगी कल्याण समिति की राशि में से बड़ी रकम अस्पताल के कार्यों के नाम पर अपने खातों में जमा करवाई गई है। जिसका खुलासा आरटीआई के जरिए हुआ।