श्रीभुमिया सरकार आश्रम मेहगांव के समारोह में चल रही है श्रीमद् भागवत कथा
भिण्ड, 27 अप्रैल। गुरू के बिना परमात्मा से संबंध बनाना असंभव है, क्योंकि गुरू मनुष्य नहीं होता, गुरू एक ऐसा तत्व होता है जो मनुष्य को परमात्मा से संबंध जोडऩे वाला होता है। यह उद्गार सिद्धश्री भूमिया सरकार आश्रम मेहगांव में श्रीमद् भागवत कथा के वाचक पं. दिनेश कृष्ण शास्त्री ने प्रवचन करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि गुरू कमजोर हो सकता है, लेकिन गुरु पद कमजोर नहीं होता। विद्वानों का मानना है कि अगर परमात्मा रूठ जाए तो आप गुरू की शरण में चले जाओ, परमात्मा को मनाने का रास्ता गुरु के माध्यम से जुड़ता है। उन्होंने कहा कि हम उसे संत नहीं मानते जो अपने लिए भजन पूजन और भौतिक सुख-सुविधा करता है। संत तो वह है जो जन कल्याण और राष्ट्र हित की भावना से कार्य करता है। संत कभी अपने लिए नहीं जीते है संत तो राष्ट्र कल्याण और समाज कल्याण के लिए जीते हैं। मुख्य यजमान एवं कथा पारीक्षत महंत भगवतीदास महाराज है।