35 वर्ष पुराने प्रकरण में बिना लाईसेंस के मिलावटी दूध बेचने वाले आरोपी को तीन माह की सजा

ग्वालियर, 26 फरवरी। खाद्य एवं अपमिश्रण निवारण अधिनियम के लिए गठित विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट ग्वालियर श्री एमएनएच रिजवी के न्यायालय ने 35 वर्ष पुराने प्रकरण में मिलावटी दूध बिना लाईसेंस के विक्रय करने वाले आरोपी प्रभुदयाल शर्मा निवासी जड़ेरुआ, जिला मुरैना को अनुज्ञप्ति के बिना विक्रय करते पाए जाने का आरोप सिद्ध पाते हुए पर तीन माह के कारावास की सजा सुनाई है।
अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे सहायक जिला लोक अभियेाजन अधिकारी अजय शर्मा ने घटना के बारे में बताया कि 23 नवंबर 1985 को प्रभुदयाल पुत्र कल्याण सिंह पुलिस थाने के सामने गाय एवं भैस का मिश्रित दूध विक्रय करते हुए मिला। दूध में मिलावट की शंका होने से खाद्य निरीक्षक केएस भदौरिया द्वारा उक्त दूध का नमूना लेने की इच्छा जाहिर की और दूध बेचने वाले से नमूना क्रय कर उसे संग्रहित किया तथा उससे दूध विक्रय करने की अनुज्ञप्ति मांगी, जिसे नहीं होना बताया गया। खाद्य निरीक्षक द्वारा उक्त नमूना का एक भाग जांच हेतु राज्य खाद्य प्रयोग शाला को भेजा गया। जांच रिपोर्ट के बाद उक्त नमूना मिलावटी होना पाया गया, खाद्य निरीक्षक द्वारा पत्रक 418/2413/86 का अभियोजन स्वीकृति प्राप्ति कर संपूर्ण मूल दस्तावेजों के आधार पर परिवाद न्यायालय में खाद्य अपमिश्रण की धारा 7(।) 7(।।।) सहपठित धारा 16(1) के अंतर्गत परिवाद पेश किया। न्यायालय ने अभियोजन साक्ष्य एवं तर्कों से सहमत होकर आरोपी को सजा सुनाई है।