बहुचर्चित हत्या एवं लूट के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास

रायसेन, 12 फरवरी। अपर सत्र न्यायाधीश, तहसील गौहरगंज, जिला रायसेन श्रीमती सुरेखा मिश्रा के न्यायालय ने शनिवार को निर्णय पारित करते हुए आरोपी जयकरण पुत्र सुजान प्रजापति उम्र 30 वर्ष निवासी कल्याण नगर टावर के पास, साहू का पहला मकान, छोला मन्दिर भोपाल जिला रायसेन को जीवन सिंह को बेहोश करने की दवा खिलाकर अपहरण एवं लूट कर हत्या करने और साक्ष्य को मिटाने व अमानत में खयानत करने और छल करने के अपराधों का दोषी पाते हुए हत्या के अपराध के लिए आजीवन सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। आरोपी जयकरण को अन्य सभी अपराधों के लिए भी तीन वर्ष से लेकर दस वर्ष तक के सश्रम कारावास की सजाएं भी सुनाई गईं और कुल 12 हजार रुपए का जुर्माना जमा करने का भी दण्डा देश सुनाया है। प्रकरण में सहआरोपी लूट का माल खरीदने वाले साहब सिंह ऊर्फ बलजिंदर को भी तीन वर्ष के सश्रम कारावास और पांच हजार रुपए जुर्माने से दण्डादिष्ट किया है। प्रकरण में मप्र राज्य की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक गौहरगंज, जिला रायसेन ब्रजेश चौहान ने की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी जिला रायसेन श्रीमती किरण नंदकिशोर के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि तीन मई 2018 को फरियादी गुलाब पुत्र वचन सिंह खाती निवासी रेहटी ने थाना मण्डीदीप में रिपोर्ट लिखाई कि मैंने अपने लड़के गौरव के नाम पर रजिस्टर्ड ट्रक को कल सुबह वर्धमान ढाबा मण्डीदीप में खड़ा करवाया था लेकिन कुछ समय बाद ट्रक अपने स्थान पर नहीं मिला, जिसकी आस-पास तलाश करने पर भी ट्रक के न मिलने से रिपोर्ट को आया हूं। ट्रक ड्रायवर गुड्डू ऊर्फ जयकरण एवं क्लीनर जीवन सिंह ट्रक को खुर्द बुर्द करने के उद्देशय से कही ले गए हैं। थाना मण्डीदीप में जयकरण एवं जीवन सिंह के विरुद्ध अमानत में खयानत का मामला पंजीबद्ध कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया। आठ मई 2018 को मुंगावली-चंदेरी रोड स्थित थाना चंदेरी, जिला अशोक नगर के ग्राम अर्रोन के पास सड़क पर बिगा पुलिया के नीचे एक अज्ञात आदमी की कंकालनुमा लाश चंदेरी पुलिस को मिली, जिसके गले में रस्सी बंधे होने और कपड़ों में तेल सा लगा था। अज्ञात व्यक्ति की लाश के संबंध में थाना चंदेरी की पुलिस द्वारा मर्ग जांच के दौरान 17 सितंबर 2018 को मृतक अज्ञात आदमी की शिनाख्त मृतक जीवन सिंह पुत्र नारायण सिंह उम्र 42 साल के रूप में गुलाब सिंह पुत्र वचन सिंह एवं मदनलाल पुत्र माखनलाल खाती द्वारा मृतक के कपड़ों को पहचानते हुए की गई। मृतक जीवन सिंह खाती के डीएनए का मिलान उसके भाई मांगीलाल एवं बहन मानुबाई के डीएनए से कराने के लिए मृतक के अवशेष एवं भाई बहनों के रक्त नमूने का परीक्षण एफएसएल सागर में कराया गया। एफएसएल सागर द्वारा परीक्षण से इस बात की पुष्टि की गई कि कंकालनुमा लाश मृतक जीवन सिंह खाती की थी। मृतक जीवन सिंह के पोस्ट मार्टम परीक्षण रिपोर्ट में डॉक्टर ने मृतक की गले में रस्सी का फंदे के निशान एवं टूटी हुई पसलियों एवं सीने की हड्डियों के फ्रेक्चर को मृत्यु से पूर्व की चोट होना बताया, जिससे मृतक की हत्या किए जाने की आशंका सही साबित हुई और चंदेरी थाना पुलिस ने हत्या का प्रकरण पंजीबद्ध कर अनुसंधान प्रारंभ किया गया। अनुसंधान के क्रम में आरोपीगण को अभिरक्षा में लिया गया और उनसे पूछताछ में ट्रक ड्राईवरों व क्लीनरों के अपहरण व लूट तथा हत्या के कई मामलों में उनकी संलिप्तता का पता चलने पर पुलिस मुख्यालय भोपाल द्वारा विशेष अनुसंधान टीम का गठन किया गया। थाना मण्डीदीप के इस प्रकरण एवं थाना चंदेरी के प्रकरण को एक साथ करते हुए केस डायरी थाना प्रभारी एमपी नगर भोपाल को विवेचना हेतु दी गई। विवेचना के दौरान थाना अशोका गार्डन के हत्या एवं लूट के मामले में जब्तशुदा ट्रक की इस प्रकरण के संबंध में जांच में पाया गया कि यह ट्रक वास्तव में वह ट्रक था जिसका क्लीनर मृतक जीवन सिंह था। इस बात की पुष्टि सागर एफएसएल तथा ट्रक के सर्विस सेंटर की रिपोर्टों से हुई। पुलिस ने अपने अनुसंधान में यह प्रमाणित पाया कि फरियादी गुलाब खाती के ट्रक को एक मई 2018 की रात को आरोपी आदेश खामरा एवं जयकरण प्रजापति उर्फ गुड्डू ने मण्डीदीप के वर्धमान ढाबे से अगवा करने से पूर्व ट्रक के हेल्पर मृतक जीवन सिंह खाती को नशीला पदार्थ पिलाकर बेहोश कर ट्रक में अपने साथ ले जाकर रास्ते में उसके साथ मारपीट कर सीने एवं पसली में चोट पहुंचाई व उसके गले में रस्सी का फंदा डालकर गला दबाकर उसकी हत्या करके पुलिया के नीचे अशोक नगर जिले में आरोन के पास साक्ष्य छुपाने की नियत से उसकी लाश को फेंक दिया था। घटना स्थल पर पुलिस को पत्थरों पर खून के निशान मिले थे। जीवन सिंह की हत्या करने के बाद आदेश खाम्बरा और जयकरण प्रजापति ने लूटे गए ट्रक को भितरवार ले जाकर योजनाबद्ध तरीके से ट्रक बिकवाने के लिए साहब सिह उर्फ बलजिंदर एवं सुनील खटीक को सौंपा। इन चारों ने मिलकर ट्रक को दरियापुर जिला सारण बिहार मे कमलेश को बेच दिया। ट्रक को कमलेश के घर से साहब सिंह की निशानदेही पर पुलिस ने जब्त किया। प्रकरण की विवेचना के दौरान पुलिस ने आरोपीगण से मृतक का पहचान पत्र एवं उसके कपड़े तथा ट्रक बेचने के लिए इस्तेमाल की गई एक वेगनार कार जब्त की गई। प्रकरण में अभियोग पत्र पेश होने तक आरोपी कमलेश को नहीं पकड़ा जा सका। शेष चारों आरोपीगण के विरुद्ध न्यायालय में अभियोग पत्र प्रस्तुत किया था।
अभियोजन पक्ष द्वारा की गई पैरवी के दौरान राज्य की ओर से प्रस्तुत साक्षीगण के कथनों और वैज्ञानिक जांच की रिपोर्टों के रूप में प्रमाणित साक्ष्यों के आधार पर विद्वान न्यायालय द्वारा आरोपी जयकरण पुत्र सुजान प्रजापति उम्र 30 वर्ष एवं साहब सिंह ऊर्फ बलजिंदर के विरुद्ध लगाए गए आरोपों को संदेह से परे प्रमाणित पाते हुए उन्हेंं दोषसिद्ध कर उपरोक्त सजा सुनाई गई है।