जिला कांग्रेस की प्रेसवार्ता में दिखा गुटबाजी का असर, नहीं दिखे कई दिग्गज नेता

भिण्ड, 10 फरवरी। समूचे प्रदेश में कांग्रेस की हार का कारण रही गुटबाजी आज फिर एक बार सामने आ ही गई। दरअसल आज जिला कांग्रेस द्वारा जिला अध्यक्ष मानसिंह कुशवाहा की अध्यक्षता में कांग्रेस के पूर्व मंत्री के गृह निवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया, जहां पूर्व मंत्री डॉ. गोविन्द सिंह और गोहद विधायक मेवाराम जाटव के अलावा अन्य कांग्रेस के दिग्गज नेताओं को दरकिनार करते हुए फिर से गुटबाजी को प्रदर्शित करने का प्रयास किया गया, जो कहीं न कहीं पूर्व में कांग्रेस की हार की वजह रही, जिसके कारण ही भिण्ड जिले की पांच विधानसभाओं सीटों में कांग्रेस को तीन ही सीटों से संतोष कर मुंह की भी खानी पड़ी थी और तदुपरांत हुए उपचुनाव में भी गुटबाजी का नंगा नाच भिण्ड की जनता के द्वारा स्पष्ट रूप से देखा गया था।

जिलाध्यक्ष की अनुभवहीनता के चलते दो भागों में बंटी कांग्रेस

दरअसल कांग्रेस के जमीनी कार्यकर्ताओं ने अपनी पीड़ा को बयां करते हुए कहा कि हमने जमीनी स्तर पर कांग्रेस पार्टी को जिले में मजबूती दिलाने में तन, मन, धन सर्वस्व न्यौछावर किया। परंतु कुछ वर्ष पूर्व ही कांग्रेस में शामिल हुए मानसिंह कुशवाहा को भिण्ड कांग्रेस के जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी देकर यह साबित कर ही दिया कि पार्टी को सेवाभावी एवं कर्मठ कार्यकर्ताओं की आवश्यकता नहीं अपितु क्षेत्र के मंत्री विशेष व्यक्तियों की चाटुकारिता करने वालों की प्रमुखता है। क्योंकि यदि अनुभव की बात की जाए तो वर्तमान कांग्रेस जिलाध्यक्ष को राजनैतिक अनुभव न होने के साथ-साथ जिले की समस्याओं से भी अनभिज्ञ हैं, वहीं यदि कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की माने तो जिलाध्यक्ष जिले के पूर्व मंत्री की कठपुतली बन कार्य कर रहे हैं, जिसे गुटबाजी का प्रमुख कारण माना जा रहा है।

अब गुटबाजी में घिरी कांग्रेस में जान फूंकने 23 को आएंगे कमलनाथ

भाजपा सरकार के झूंठे वादों और जिला प्रशासन द्वारा किसानों के साथ हो रहे सौतेले व्यवहार के खिलाफ शासन प्रशासन की पोल खोलने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ 23 फरवरी को जिला मुख्यालय पर विशाल आमसभा को संबोधित करेंगे। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार में किसानों की आत्महत्याओं के मामले बढ़ रहे हैं, ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसलों में जिला प्रशासन ने अब तक कोई राहत किसानों को प्रदान नहीं की है। प्रेसवार्ता में पूर्व मंत्री लहार विधायक डॉ. गोविन्द सिंह, गोहद विधायक मेवाराम जाटव, जिलाध्यक्ष मानसिंह कुशवाह, पूर्व मंत्री राकेश सिंह चतुर्वेदी, खिजर मोहम्मद कुरैशी, डॉ. राधेश्याम शर्मा उपस्थित रहे।

प्रदेशाध्यक्ष के कार्यक्रम से पहले ही दिखी गुटवाजी

प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ जो कांग्रेस सूबे के प्रदेशाध्यक्ष भी है, उनके आयोजन के लिए बुलाई गई प्रेसवार्ता में अटेर के पूर्व विधायक हेमंत कटारे, पूर्व जिलाध्यक्ष एवं पिछड़ा वर्ग के जिले के बड़े नेता और पूर्व जिलाध्यक्ष जयश्रीराम बघेल, लोकसभा प्रत्याशी रहे देवाशीष जरारिया, प्रदेश पदाधिकारी एवं जिला प्राभारी बालेन्दु शुक्ला भी नदारद रहें। जब पत्रकारों ने सवाल किया तो डॉ. गोविन्द सिंह ने कहा कि ये लोग अभी यूपी चुनाव में बाहर हैं, इसलिए नही आ पाए। जब पूर्व जिलाध्यक्ष जयश्रीराम बघेल और पूर्व विधायक हेमंत कटारे से संपर्क किया तो वो भिण्ड जिला मुख्यालय पर ही उपस्थित थे, और उन्होंने ऐसी किसी भी प्रेसवार्ता की जानकारी न होने की बात की। कुछ पत्रकारों को प्रेसवार्ता की सूचना न देने पर जब प्रवक्ता अनिल भारद्वाज से पूछा तो उन्होंने कहा कि मुझे खुद ही नहीं आमंत्रित किया और न जानकारी दी तो मैं किसको बुलाता।

आखिर ऐसे कैसे होगी 2023 विधानसभा की तैयारी?

दरअसल कांग्रेस में गुटवाजी कम होने का तो नाम ही नहीं ले रही अपितु भाजपा में शामिल हुए कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर इन्हीं कांग्रेसियों के द्वारा गुटबाजी का ठीकरा फोड़ा जाता था परंतु सिंधिया के जाने के बाद पार्टी में गुटवाजी कम होने की बजाए बढ़ती जा रही है। जिलाध्यक्ष मानसिंह कुशवाह के कम अनुभव के कारण ही वो इसे संभालने में नाकाम साबित हो रहे हैं ऐसे में मजबूत कार्यकर्ताओं की अनदेखी कांग्रेस को आने वाले चुनावों में भारी पड़ सकती है।