धर्मपालन से होता है कल्याण : पाठक

भिण्ड, 02 फरवरी। शहर के महारानी अवंतीबाई मांगलिक भवन शा. विद्यालय क्र.दो के पास चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ के छटवे दिन कथा व्यास संत श्री अनिल पाठक महाराज ने धर्म पालन के महत्व को समझाते हुए कहा कि जो व्यक्ति घर परिवार में रहकर धर्म का पालन पूर्ण निष्ठा से करता है वह व्यक्ति वैराग्य वान होकर भगवान के समर्पित हो जाता है और इसका निश्चित रूप से कल्याण हो जाता है।
गोपियों का उदाहरण देते हुए श्री पाठक ने कहा कि गोपियां अपने परिवार में ही रहकर अपने स्वधर्म का पालन पूर्ण करती थी, जिससे उन्हें वैराग्य घटित हुआ था तब भगवान ने स्वयं उनके साथ महारास किया और उनका कल्याण किया। उन्होंने आगे कहा कि गुरू के बिना साधक का अहम निवृत्त नहीं होता है और सद्ग्रंथों का सांगोपांग अध्ययन करने से व्यक्ति का झुकाव प्रेम गुरू से अवश्य ही होता है। क्योंकि सभी ग्रंथों ने एक स्वर से गुरु के महत्व को प्रतिवादित किया है- रामचरित मानस में गोस्वामी जी ने गुरु के महत्व को बताया है।