अब तो अपना मप्र सम्हालिए मोहन बाबू

– राकेश अचल


दो साल पहले जब शिवराज सिंह चौहान की जगह डॉ. मोहन यादव को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया गया था, उस समय भी ये आशंका व्यक्त की गई थी कि क्या मोहन बाबू मप्र को सम्हाल पाएंगे? और आज दो साल बाद ये तमाम आशंकाएं सही साबित होने लगी हैं। पिछले दो साल में जिस तरह से मप्र में सत्तारूढ़ दलों के नेताओं का आतंक और दलितों का उत्पीड़न बढ़ा है, उससे लगता है कि मप्र फिर 50 साल पीछे चला गया।
ताजा घटना मप्र के गुना जिले की है। गुना जिले में भाजपा नेता महेन्द्र नागर ने रविवार को एक किसान पर अपनी थार जीप चढ़ा कर निर्ममता से हत्या कर दी। मामला फतेहगढ़ थाना क्षेत्र के गणेशपुरा गांव का है। किसान रामस्वरूप जब अपनी पत्नी के साथ खेत पर जा रहे थे, तभी बीजेपी नागर ने उन्हें घेर लिया और हमला कर दिया। आरोपी भाजपा नेता महेन्द्र नागर ने पहले अपने साथियों के साथ मिलकर किसान रामस्वरूप धाकड़ को पीटा। फिर घायल किसान के ऊपर अपनी थार चढ़ा दी। चश्मदीदों के मुताबिक आरोपी के चंगुल से अपने पिता को बचाने के लिए जब किसान की बेटियां घटना स्थल पर पहुंची तो उनके साथ भी जानवरों जैसा सलूक किया गया। आरोपी महेन्द्र नागर ने बेटियों के ऊपर बैठकर उनके कपड़े तक फाड़ दिए और दहशत फैलाने की नीयत से हवाई फायर भी की। घायल किसान को इलाज न मिल सके इसलिए एक घण्टे तक उसके शरीर को गांव से बाहर नहीं जाने दिया गया।
जैसे तैसे घटना के एक घण्टे बाद जब रामस्वरूप को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया तो इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। घटना के बाद से ही इलाके में तनाव की स्थिति है। मामले में आरोपी महेन्द्र नागर और तीन महिलाओं समेत 14 लोगों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। जानकारी यह भी सामने आई है कि गांव में आरोपी के नाम का इतना ज्यादा आतंक है कि कोई भी उसके खिलाफ बोलने को तैयार नहीं है। भाजपा नेता महेन्द्र नागर द्वारा गांव के छोटे किसानों को डरा-धमका कर जमीनों पर कब्जा किया जाता है। ऐसे में गांव के किसानों की मजबूरी होती है कि वे अपनी जमीन महेन्द्र नागर को बेचकर गांव से चले जाएं। कोई किसान जब इसका विरोध करता है तो उसके साथ बुरा सलूक किया जाता है। गणेशपुरा गांव से लगभग 25 किसान अपनी जमीन औने-पौने दामों में बेचकर पलायन कर चुके हैं। लेकिन जब रामस्वरूप धाकड़ ने तानाशाही का विरोध किया तो उनके ऊपर जानलेवा हमला कर दिया गया और हत्या कर दी गई।
पुलिस ने आरोपी महेन्द्र नागर और उसके परिवार की 3 महिलाओं समेत 14 लोगों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कर लिया है। पीड़ित परिवार ने बताया कि गांव में आरोपी महेन्द्र नागर के नाम का आतंक है। महेन्द्र नागर ने जमीन हथियाने के लिए रामस्वरूप की हत्या कर दी और बेटियों के कपड़े फाड़ दिए। बमोरी विधायक ऋषि अग्रवाल ने भी घटना को लेकर खेद जताया है। मप्र के ही भिण्ड जिले में दलित को पीटने और पेशाब पिलाने की वारदात हो चुकी है। एक अन्य वारदात में एक दलित से दबंगों ने अपने पैर धुलवाकर उस पानी को पिलाने के लिए विवश किया गया।
नेशनल क्राइम ब्यूरो द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक पूरे भारत में 2023 में अनुसूचित जातियों के विरुद्ध अपराधों की संख्या 57 हजार 789 थी। जबकि मप्र में 2023 में एससी के विरुद्ध मामलों की संख्या लगभग 8232 थी। इसी वर्ष मप्र में जनसंख्या-अनुपात (क्राइम रेट) एससी के विरुद्ध लगभग 72.6 प्रति लाख थी। आदिवासी (एसटी) समुदाय के विरुद्ध मप्र में 2023 में 2858 मामले दर्ज हुए। मप्र में 2023 में एससी/एसटी को मिलाकर कम-से-कम 11 हजार से अधिक उत्पीड़न मामले दर्ज हुए थे। इन आंकड़ों से साफ जाहिर है कि मप्र में एससी/एसटी समुदायों के विरुद्ध अपराध-मामले संख्या और अनुपात दोनों में उच्च स्तर पर हैं। प्रतिदिन लगभग 30 लोगों को  उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है। अनुसूचित जाति समुदाय के विरुद्ध मामलों में संख्या अधिक है और अनुपात भी बहुत चिंताजनक है (72.6 प्रति लाख) यह देश के अन्य राज्यों की तुलना में ऊंचा है। भाजपा से जुड़े अपराधियों को पार्टी से निकालने की कार्रवाई भी हुई है, लेकिन पार्टी में अपराधी वृत्ति के तत्वों को संरक्षण भी बढ़ा है। बुरी बात ये है कि इन वारदातों के बावजूद सरकार इन्हें रोकने में नाकाम साबित हुई है।