एलीवेटेड रोड-1 एवं 2 में किसी प्रकार की देरी नहीं होगी बर्दाश्त : सिंधिया

– ग्वालियर की सड़क व्यवस्था, सीवेज, जलापूर्ति, ट्रैफिक और लॉ एंड ऑर्डर को लेकर केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने की उच्च स्तरीय बैठक
– 234 सड़कों को येलो और रेड चिन्हित कर मरम्मत के दिए निर्देश
-सीवेज व्यवस्था के सुधार के लिए आवंटित हुए 100 करोड़ रुपए

ग्वालियर, 03 सितम्बर। केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री तथा गुना सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने शुक्रवार को ग्वालियर कलेक्टर एवं जनप्रतिनिधियों के साथ शहर नियोजन एवं प्लानिंग को लेकर एक उच्च स्तरीय बैठक की। जिसका उद्देश्य शहर की सड़कों, सीवर व्यवस्था, जल आपूर्ति और एलीवेटेड रोड जैसी प्रमुख परियोजनाओं की गहन समीक्षा करना और उनके लिए ठोस कार्ययोजना तैयार करना रहा।
केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर की सबसे बड़ी परियोजनाओं में शामिल एलीवेटेड रोड-1 एवं 2 की भी समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने विशेष रूप से फेज-2 के अंतर्गत स्वर्णरेखा रिवर फ्लाइओवर के कार्य की प्रगति पर जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यह परियोजनाएं ग्वालियर के ट्रैफिक प्रबंधन और शहर की सुंदरता दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं, इसलिए इनके काम में किसी भी प्रकार की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि परियोजना का 50 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है।
उन्होंने सभी विधायकों के साथ विधानसभा वार समीक्षा की। बैठक के दौरान शहर की कुल 359 सड़कों को चिन्हित किया गया और उन्हें तीन श्रेणियों में बांटा गया- ग्रीन रोड (अच्छी सड़क), येलो रोड (संतोषजनक) और रेड रोड (खस्ताहाल)। समीक्षा में 125 सड़कें ग्रीन रोड, 63 सड़कें येलो रोड और 171 सड़कें रेड रोड के अंतर्गत पाई गईं। मंत्री ने बताया कि येलो और रेड कैटेगरी की कुल 234 सड़कों के लिए पर्याप्त फण्ड उपलब्ध है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़क निर्माण कार्य शुरू करने से पहले गति शक्ति पोर्टल, अधोसंरचना, मानचित्र, ऊर्जा और टेलीकॉम के तार जैसे सभी पहलुओं का ध्यान रखा जाए। साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधियों को पहले से सूचित करने, सभी तरह की तारों को एक ही पाइपलाइन में व्यवस्थित करने, ट्रंक लाइन की सफाई हर वर्ष करने और हर सड़क पर एक सर्टिफाइड इंजीनियर नियुक्त करने के निर्देश दिए। सिंधिया ने कहा कि मरम्मत का कार्य आवश्यकतानुसार पूरे वर्ष चलता रहना चाहिए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन मार्गों पर भीड़ और जाम की समस्या है, वहां त्वरित समाधान प्रस्तुत किया जाए।
स्वच्छता के लिए सीवर प्रबंधन को मजबूत करना है आवश्यक
सिंधिया ने सीवर और नाली व्यवस्था पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि स्वच्छता और नागरिक स्वास्थ्य की दृष्टि से सीवर प्रबंधन को मजबूत करना आवश्यक है। बैठक में सीवर व्यवस्था को दुरुस्त करने हेतु चार पार्टियों को ठेके देने का निर्णय लिया गया। अधिकारियों ने आवश्यकता अनुसार एक सुपर सकर, 14 जेटिंग एवं सक्शन मशीन और 13 डिस्टिल मशीन की मांग रखी, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 24 करोड़ रुपए आंकी गई।
सिंधिया ने ड्रेनेज सिस्टम अलग न होने और सीवेज पर अधिक लोड की चुनौती को गंभीरता से लेते हुए कहा कि सीवर सुधार के लिए 100 करोड़ रुपए आवंटित करने का निर्णय लिया। इसके अलावा उन्होंने कहा कि नए फण्ड का उपयोग तभी किया जाए जब पहले से स्वीकृत सभी कार्य पूरे हो जाएं। उन्होंने नालियों से अतिक्रमण हटाने और सीवर प्रबंधन को समयबद्ध ढंग से लागू करने के भी निर्देश दिए।
जल आपूर्ति की नई परियोजनाएं समयबद्ध तरीके से होंगी पूरी
बैठक में शहर की जल आपूर्ति को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई। वर्तमान में प्रति व्यक्ति पानी की मांग 135 लीटर प्रतिदिन है, जबकि आपूर्ति 20 एमएलडी हैण्डपंप और 60 एमएलडी नलकूपों से की जा रही है। केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने बताया कि इलाके की जल आपूर्ति के लिए 2332 करोड़ रुपए की योजना बनाई गई थी जिसमें से 813 करोड़ रुपए स्वीकृत हो चुके थे। इसमें से 460 करोड़ रुपए की चंबल जल परियोजना की प्रगति पर लगाए जा रहे हैं, जिसकी इस बैठक में समीक्षा की गई, बचे 350 करोड़ रुपए के खर्च के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ चर्चा कर योजना बनाई जाएगी।
सिंधिया ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि 1-60 वार्डों के उपभोक्ताओं को संतुष्ट और असंतुष्ट श्रेणियों में बांटकर असंतुष्ट क्षेत्रों के लिए नए प्रोजेक्ट बनाए जाएं। उन्होंने कहा कि इन वार्डों में स्त्रोत से नई पाइपलाइन कनेक्शन डाले जाएं और 61-66 वार्डों में घर-घर तक नई पाइप लाइन पहुंचाई जाए।
बैठक में केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने कहा कि ग्वालियर की जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि अत्यधिक वाहन भार वाले रास्तों पर स्थानीय व्यापारियों के साथ मिलकर प्लान तैयार किया जाएगा जिससे सड़कों पर भार कम हो सके। उन्होंने कहा कि प्रत्येक योजना का लाभ सीधे नागरिकों तक पहुँचे, यही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि तय समयसीमा में गुणवत्तापूर्ण कार्य कर शहर को आधुनिक और सुसंगठित स्वरूप प्रदान करें।