विसर्जन के लिए काली माता की प्रतिमा को हाथों पर लेकर चले भक्त

– डेढ़ किमी का रास्ता 40 मिनट में किया तय

भिण्ड, 03 सितम्बर। काली माता उत्सव समिति खटीक मोहल्ला गोहद द्वारा नवरात्रि पर्व के अवसर पर स्थापित की गई मां काली की प्रतिमा का विसर्जन गुरुवार दशहरा पर्व पर किया गया। मां काली के प्रति विशेष श्रद्धा रखने वाले खटीक समाज ने अपनी आस्था का अदभुत अकल्पनीय परिचय दिया।
नौ दिन तक चले महोत्सव में स्थापित मां काली की चारो पहर आरती की विधि विधान से अनुष्ठान झांसी से विद्वान पंडित द्वारा किया गया। गुरुवार को मां काली का विसर्जन चल समारोह खटीक मोहल्ला से आरंभ हुआ, जिसमें कोई दिखावा या नाच गाना नही था। सिर्फ भक्ति, आस्था, समर्पण, हाथो में मां की प्रतिमा को रखकर मां काली उत्सव समिति के कार्यकर्ता अपनी निश्चित गति से चल रहे थे। चल समारोह छोटे बच्चों से लेकर महिलाएं, पुरुष मां के जयकारे लगाकर चल रहे थे। समारोह खटीक मोहल्ला से आरंभ होकर ईटायली गेट, सदर बाजार, पुराना बस स्टैण्ड, गंज बाजार, अटल चौक होकर बैसली जलाशय पहुंचा।
गोहद के लिए यह पहला अनुभव था। बताया जाता है कि मां काली के चल समारोह को रोका नहीं जाता, इसलिए कार्यकर्ता मां की प्रतिमा को हाथों पर लेकर निश्चित गति से चल रहे थे, रास्ते में यात्रा की सुगमता के लिए कार्यकर्ता स्वयं व्यवस्था संभाले हुए थे। खटीक मोहल्ला से बेसली जलाशय तक डेढ़ किमी का रास्ता 40 मिनट में तय किया। मां काली की प्रतिमा का विसर्जन बेसली जलाशय पर किया गया।