ग्वालियर, 08 अगस्त। जिले के कृषकों ने खरीफ सीजन की फसलों की बुवाई प्रारंभ कर दी है। किसान भाइयों द्वारा बडी मात्रा में उर्वरकों का उठाव किया जा रहा है। जिले में सहकारी क्षेत्र में विपणन संघ के 6 भण्डारण केन्द्रों, 2 मार्केटिंग समिति, 72 सहकारी समितियों, के अतिरिक्त निजी क्षेत्र में 40 थोक विक्रेता एवं 350 फुटकर विक्रेताओं के माध्यम से उर्वरक विक्रय किया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा जिले में प्राप्त रैकों के माध्यम से निरंतर खाद की उपलब्धता एवं पारदर्शी वितरण सुनिश्चित किया जा रहा है।
कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार खरीफ सीजन में जिले में गत वर्ष 44 हजार मैट्रिक टन यूरिया, 14 हजार 900 मैट्रिक टन डीएपी, 6600 मैट्रिक टन एनपीके एवं 6700 मैटिक टन एपीएस खाद का वितरण निजी एवं सहकारी क्षेत्र के माध्यम से किया गया था। चालू खरीफ सीजन जिले में 18 हजार मैट्रिक टन यूरिया, 9700 मैट्रिक टन डीएपी, 8500 मैट्रिक टन एनपीके एवं 9800 मैट्रिक टन एसएसपी खाद कि उपलब्धता जिला प्रशासन द्वारा सुनिश्चित कराई जा चुकी है तथा वर्तमान में सहकारिता एवं निजी क्षेत्र में कुल 3500 मैट्रिक टन यूरिया, 600 मैट्रिक टन डीएपी एवं 3800 टन एनपीके एवं 3700 मैट्रिक टन एसएसपी खाद कृषकों को वितरण हेतु उपलब्ध है। जिला प्रशासन द्वारा जिले में प्राप्त आगामी रैकों से निरंतर खाद कि आपूर्ति सुनिश्चित कराई जाएगी।
जिले में निम्नानुसार विक्रय केन्द्रों पर उपलब्ध खाद का उठाव कृषकों द्वारा किया जा सकेगा। भितरवार, खेडापलायछा, सांखनी, गडाजर, दुबहा, पिपरौआ, छीमक, भेंगना, ईंटमा, आंतरी, अजयगढ, करियवाटी, झाडोली, कछोऊआ, मेहगांव, भरथरी, सूखापठा, बढेरा बुजुर्ग, पुट्टी, बनवार, टिहोली, बडगांव, बंधोली, पिछोर, चितावनी, सालवई, इटायल, गोहिंदा, मोहनगढ, घरसोंधी एवं निजी खाद विक्रेता। डीएपी खाद के सीमित उपयोग को बढावा देने हेतु डीएपी खाद के विकल्प के रूप में एनपीके/ एपीएस तथा नैनो उर्वरकों (डीएपी एवं यूरिया) आदि के निरंतर उपयोग हेतु सभी किसान भाईओं से अपील की गई है।