बेटी के साथ कुकर्म करने के वाले आरोपी पिता को 20 वर्ष कारावास

– न्यायालय ने पांच हजार का अर्थदण्ड भी लगाया

रायसेन, 08 अगस्त। अनन्य विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012) जिला रायसेन की अदाल ने पुत्र के साथ कुकर्म करने वाले आरोपी पिता अजय अहिरवार उम्र 48 वर्ष निवासी तालाब मोहल्ला जिला रायसेन को धारा 376(3) भादंसं तथा पाक्सो एक्ट की धारा 5एन, सहपठित धारा 6 में 20 वर्ष के सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया है। मामले में शासन की ओर से पैरवी अतिरिक्त जिला लोक अभियोजन अधिकारी रायसेन भारती गेडाम ने की।
अभियोजन मीडिया प्रभारी जिला रायसेन किरण नंदकिशोर के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि अभियोक्त्री ने 5 नवंबर 2024 को 9:05 बजे जिला अस्पताल रायसेन में इस आशय की देहाती नालसी लेखबद्ध कराई कि लगभग 4 वर्ष पूर्व उसकी मां उसे उसके पिता के पास छोडकर चली गई है, वह और उसके पिता वार्ड क्र.9 में किराये के मकान में रहते हैं, उनके पास किराये का एक ही कमरा है। वह और उसके पिता एक साथ ही बिस्तर में सोते हैं। लगभग दो वर्ष पहले से उसके पिता अभियुक्त उसके साथ गलत काम (दुष्कर्म) करते आ रहे हैं। उसने कई बार मना किया फिर भी वे नहीं माने और उसके साथ गलत काम कर रहे हैं, कई दिनों से उसको माहवारी नहीं आ रही थी, किन्तुे उसने पिता को यह बात नहीं बताई। रात में पेट दर्द होने से उसने उसके पिता को बताया तो पिता उसे अस्पताल लेकर आए जहां पता चला कि वह गर्भवती है और परिणामस्वरूप अस्पाताल में उसने एक बच्चे को जन्म दिया है। आखिरी बार उसके पिता ने 4-5 माह पूर्व उसके साथ गलत काम किया था। उक्त देहाती नालसी पर से थाना रायसेन में अपराध कायम किया गया। जांच के दौरान अनुसंधान अधिकारी ने घटना स्थल पर जाकर नक्शा मौका, विडियोग्राफी पंचनामा बनाया। अभियोक्त्री के कथन लेखबद्ध किए गए और उसका डीएनए परीक्षण कराया गया, जिसमें सकारात्मक रिपोर्ट प्राप्त हुई। प्रकरण की संपूर्ण विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। जहां अभियोजन की ओर से प्रस्तुत साक्ष्य एवं दलीलों के आधार पर न्यायालय ने विचारण उपरांत कहा कि ‘जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो अभियोक्त्री क्या कर सकती है।’ न्यायालय ने अभियोजन साक्षियों की साक्ष्य विश्वनीय पाई जाने, डीएनए रिपोर्ट पॉजिटिव प्राप्त होने के आधार पर यह प्रमाणित माना कि अभियोक्त्री के साथ उसके पिता (अभियुक्त अजय) ने ही कुकर्म किया है। इस आधार पर न्यायालय ने आरोपी को दोषसिद्ध किया है।