समाधिस्थ विराग सागर महाराज की बन रही है छतरी, होगा पंच कल्याणक

भिण्ड, 07 फरवरी। आचार्य विनम्र सागर महाराज के शिष्य विनय सागर महाराज के निर्देशन में दादा गुरु समाधिस्थ गाणाचार्य विराग सागर महाराज की कीर्ति स्तंभ परिसर में छतरी का निर्माण चल रहा है।
जानकारी देते हुए पार्षद मनोज जैन ने बताया कि समाधि गाणाचार्य विराग सागर महाराज मूलत: दमोह ग्राम पथरिया के निवासी थे। उन्होंने दिगंबर दीक्षा लेकर देश के अनेक स्थानों पर गए और भिण्ड नगर में सबसे अधिक सात बार चतुर्मास कर जैन दर्शन की प्रभावना की। उनके सरल स्वभाव से कई भक्तों ने दिगंबर दीक्षा धारण की, जो आज देश प्रदेश के कई स्थानों पर धर्म की ध्वजा फहरा रहे हैं। इनका सरल व्यवहार और वात्सलय से सभी लोग प्रभावित थे। उनकी समाधि के बाद भिण्ड के कीर्ति स्तंभ परिसर में पहली छतरी मन्दिर का निर्माण किया जा रहा है, जिसका 1008 नेमिनाथ जिनबिम्ब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं आचार्य विम्ब महामहोत्सव एवं विश्वशांति महायज्ञ 12 से 23 फरवरी तक कीर्तिस्तंभ परिसर में आयोजित होगा।