भारत तिब्बत सहयोग मंच राष्ट्रीय परिषद की बैठक तीन-चार को

– 25 वर्षों का सफर पूरा करने के बाद मंच के विस्तार की दृष्टि से यह राष्ट्रीय परिषद बेहद महत्वपूर्ण एवं उपयोगी साबित होगी : पंकज गोयल

भिण्ड, 29 जुलाई। भारत तिब्बत सहयोग मंच राष्ट्रीय परिषद की बैठक हरियाणा प्रांत के सेवा साधना एवं ग्राम विकास केन्द्र, पट्टी कल्याणा, समालखा, पानीपत, में तीन-चार अगस्त को राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं मंच के मार्गदर्शक डॉ. इन्द्रेश कुमार के मार्गदर्शन, मंच के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष सरदार हरजीत सिंह ग्रेवाल की अध्यक्षता एवं राष्ट्रीय महामंत्री पंकज गोयल के नेतृत्व में संपन्न होगी। इस बैठक में पूरे देश से लगभग 300 प्रतिनिधि सम्मिलित होंगे।
परिषद की बैठक के संदर्भ में राष्ट्रीय महामंत्री पंकज गोयल ने बताया कि मंच अपना 25 वर्षों का सफर शानदार तरीके से पूरा कर चुका है। इन 25 वर्षों में मंच का इतिहास अनेक गौरवमयी उपलब्धियों से भरा पडा है। उपलब्धियों के इस गौरवमयी इतिहास को और आगे बढ़ाना है। उन्होंने बताया कि 25 वर्षों के सफर के बाद विस्तार की दृष्टि से यह राष्ट्रीय परिषद की बैठक बेहद महत्वपूर्ण एवं उपयोगी साबित होगी। मंच के उद्देश्यों, कार्यप्रणाली एवं गतिविधियों को लेकर जिस प्रकार मंच के कार्यकर्ताओं में जुनून देखने को मिल रहा है, उससे यही साबित होता है कि भविष्य में मंच नए-नए कीर्तिमान स्थापित करेगा और तिब्बत की आजादी, कैलाश मानसरोवर की मुक्ति, हिमालय की सुरक्षा एवं पर्यावरण की रक्षा की दृष्टि से बेहद सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।
राष्ट्रीय परिषद के उदघाटन सत्र में इन्द्रेश जी, मंच के सरंक्षक डॉ. कुलदीप अग्निहोत्री, निर्वासित तिब्बती सरकार की रक्षामंत्री श्रीमती गेयरि डोलमा, सेवानिवृत आईएएस ज्योति कैलाश, प्रांत कार्यवाह प्रताप सिंह, मंत्री हरियाणा सरकार संजय सिंह, सरदार हरजीत सिंह ग्रेवाल एवं स्वामी दयानंद सरस्वती यति जी महाराज (रामकृष्ण साधना केन्द्र, मुरथल) की गौरवमयी उपस्थिति रहेगी। चार अगस्त को समापन सत्र में इन्द्रेश जी, डॉ. कुलदीप अग्निहोत्री, श्रीमती गेयरि डोलमा, मेयर निखिल मदान, प्रांत संघचालक प्रताप जी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडोली, सरदार हरजीत सिंह ग्रेवाल एवं हरियाणा सरकार के मंत्री महीपाल डांडा की गौरवमयी उपस्थिति का लाभ मिलेगा।
उदघाटन एवं समापन सत्र के बारे में युवा विभाग के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अर्पित मुदगल ने कहा कि जिस परिषद में इतने विद्वान एवं सुयोग्य लोग उपस्थित रहेंगे, उसके बारे में आसानी से यह समझा जा सकता है कि परिषद कितनी सुखद होगी। इसके साथ ही स्थानीय लोग भी मंच की कार्यप्रणाली, गतिविधियों एवं उद्देश्यों को भली-भांति जान एवं समझ सकेंगे। मंच को वैचारिक, संगठनात्मक, रचनात्मक एवं क्रियात्मक दृष्टि से कैसे और अधिक मजबूत किया जाए, इस संदर्भ में व्यापक रूप से चर्चा होगी।