समग्र आपदा प्रबंधन में स्वयंसेवी संस्थाओं का सशक्तिकरण नामक परियोजना प्रारंभ

-जिला स्तर पर आपदा के क्षेत्र में अनुभव रखने वाली किसी एक स्थानीय स्वयंसेवी संस्था को नोडल संस्था के रूप में किया जाना है नामांकित

भिण्ड, 25 जून। अपर कलेक्टर लक्ष्मीकांत पाण्डेय ने सूचित कर कहा है कि आपदा प्रबंधन संस्थान गृह विभाग मप्र शासन द्वारा आपदा जोखिम क्षेत्र और आपदा न्यूनीकरण में विभिन्न हित धारकों की भूमिकाओं को दृष्टिगत रखते हुए समग्र आपदा प्रबंधन में स्वयंसेवी संस्थाओं का सशक्तिकरण नामक परियोजना प्रारंभ की गई है, जिसके क्रम में 60 ग्रामों/ वार्डों में समुदाय स्तर पर की जाने वाली आपदा प्रबंधन संबंधी गतिविधियों के क्रियान्वयन हेतु जिला स्तर पर आपदा के क्षेत्र में अनुभव रखने वाली किसी एक स्थानीय स्वयंसेवी संस्था को नोडल संस्था के रूप में नामांकित किया जाना है।
उन्होंने कहा है कि स्वयंसेवी संस्था के चयन हेतु नियम बताते हुए कहा है कि संस्था का पंजीयन मप्र सोसायटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1973 अंतर्गत होना चाहिए। संस्था को जिले में कार्य करने का कम से कम तीन वर्ष का अनुभव होना चाहिए। जिला/ स्थानीय स्तर पर सामुदायिक कार्यक्रम के आयोजन का अनुभव होना आवश्यक है। स्वयंसेवी संस्थाओं का विगत पांच वर्षों का वार्षिक लेखे के किन्हीं तीन वर्ष का वार्षिक टर्न ओवर कम से कम 10 लाख रुपए होना चाहिए। आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्था को प्राथमिकता दी जाएगी। नामांकित नोडल संस्था द्वारा चयनित 60 ग्रामों/ वार्डों में समुदाय आधारित गतिविधियां आयोजित की जाएंगी। उक्त कार्य हेतु संस्थान द्वारा प्रत्येक जिले के लिए अनुदान राशि तीन लाख 75 हजार रुपए प्रदाय की जाएगी। किसी भी अनियमितता पाई जाने पर संबंधित के विरुद्ध नियमानुसार वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। इस हेतु जांच कमेटी में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रतिनिधि, जिला पुलिस विभाग के प्रतिनिधि एवं आपदा प्रबंधन संस्थान के प्रतिनिधि रहेंगे। उपरोक्त नियमों की पूर्ति करने वाली स्थानीय स्वयंसेवी संस्था एक सप्ताह में आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकती है।