नाबालिगा से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास

सागर, 25 जून। तृतीय अपर-सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) जिला सागर नीलम शुक्ला की अदालत नेे नाबालिगा को बहला-फुसलाकर भगा ले जाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी अंकित उर्फ अज्जू पुत्र रतिराम सौर को भादंवि की धारा 366 में पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड, पाक्सों एक्ट 2012 की धारा-5एल/6 के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा-5(जे)(आईआई)/6 के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी प्रभारी उपसंचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता (पीडि़ता के भाई) ने चौकी शाहपुर थाना सानौधा में इस आशय की रिपोर्ट लेख कराई कि रात करीब एक बजे तक सभी लोग टीव्ही देखते रहे, बाद में मंगलवार-बुधवार की दरम्यानी रात करीब दो-तीन बजे सो गए थे, उसी बीच उसकी बहिन (पीडि़ता) घर पर नहीं दिखी, किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा बहला-फुसलाकर भगा ले जाने की शंका व्यक्त की। 24 अगस्त 2022 को पीडि़ता के दस्तयाब होने पर उसने अपने कथनों में बताया कि दो मार्च 2022 को अभियुक्त अंकित उर्फ अज्जू बहला-फुसलाकर उसे भगा ले गया और अभियुक्त ने कई बार उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। उक्त रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना सानौधा पुलिस ने धारा 366ए, 376(2)(एन) भादंसं एवं धारा 5/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा अभियोजन साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सों एक्ट 2012) नीलम शुक्ला के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपर्युक्त सजा से दण्डित किया है।