आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने वाले पति-पत्नी को तीन-तीन साल की सजा

भोपाल, 30 सितम्बर। छटवें अपर सत्र न्यायाधीश जिला भोपाल राजीव पाल के न्यायालय ने लोक सेवक के पद का दुरुपयोग कर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने वाले आरोपी डीके कपूर एवं सरोज कपूर को दोष सिद्ध पाते हुए धारा 13(2) आरडब्ल्यू, धारा 13(1)ई भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में तीन-तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं एक-एक हजार रुपए जुर्माने का निर्णय पारित किया है। उक्त प्रकरण में शासन द्वारा की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्रीमती हेमलता कुशवाहा ने की।
संभागीय जनसंपर्क अधिकारी भोपाल मनोज त्रिपाठी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि मप्र गृह निर्माण मण्डल भोपाल के तत्कालीन अपर आयुक्त अभियुक्त डीके कपूर के संबंध में गोपनीय सूचनाएं मिलीं कि उनके द्वारा शासकीय पद पर रहते हुए अवैधानिक तरीकों से अटूट संपत्ति अर्जित की गई है। कपूर के द्वारा उनकी वैधानिक आय के स्त्रोतों से कहीं अधिक संपत्ति अवैधानिक रूप से अर्जित करने की सूचना पर प्राथमिक जांच क्र.0/2000 पंजीबद्ध होकर जांच कराई गई। जांच में पाया गया कि डीके कपूर वर्ष 1972 में 21 दिसंबर से उपयंत्री (सिविल) के पद पर मप्र गृह निर्माण मण्डल में भोपाल संभाग क्र.एक में पदस्थ हुए तथा 17 अप्रैल 1975 से 30 जून 1975 तक कनिष्ठ यंत्री एवं एक जुलाई 1975 से 17 अप्रैल 1982 तक सहायक यंत्री के पद पर भोपाल तथा देवास उपसंभाग में पदस्थ रहे। कपूर 18 अप्रैल 1982 से कार्यपालन यंत्री के पद पर 21 मई 1990 तक कार्यरत रहे, इसमें 17 मार्च 1989 से 15 अप्रैल 1989 तक उपायुक्त के प्रभार पर एवं 28 मई 1990 से 18 जून 1996 तक उपायुक्त रायपुर एवं भोपाल में पदस्थ रहे। इन्दौर वृत्त में जुलाई-1994 में अतिरिक्त प्रभार उपायुक्त के पद पर रहे। 19 जून 1996 से 12 अप्रैल 1998 तक उपायुक्त वृत्त भोपाल में कार्यरत रहे। 13 अप्रैल 1968 से नियमित अपर आयुक्त के पद पर भोपाल प्रक्षेत्र में पदस्थ रहे। डीके कपूर वर्ष 1972 में उपयंत्री के पद पर 170 रुपए मासिक वेतनमान पर शासकीय सेवा में आए। अप्रैल 1998 में अपर आयुक्त मप्र गृह निर्माण मण्डल भोपाल के पद का दुरुपयोग कर स्वयं के नाम एवं अपनी पत्नी सहआरोपी सरोज कपूर के नाम कृष्णा होम्स बिल्डर्स एवं डेव्हलप का पंजीयन कराकर व्यावसायिक गतिविधियों से अनुपातहीन संपत्ति अर्जित की है। इस पर अपराध क्र.28/2000 पंजीबद्ध कर विवेचना की गई। विवचेना उपरांत अभियोग पत्र न्यायलय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। न्यायलय द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों के आधार पर अभियोजन ने अपना मामला प्रमाणित होने पर आरोपीगण डीके कपूर एवं सरोज कपूर को तीन-तीन वर्ष सश्रम कारावास एवं जुर्माने की सजा सुनाई है।