सागर, 30 सितम्बर। विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश जिला सागर श्रीमती ज्योति मिश्रा की अदालत ने नाबालिग बालिका के साथ दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को दोषी करार देते हुए लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा 5(एम), सहपठित धारा 6 एवं 5(एन), सहपठित धारा 6 के तहत दोनों धाराओं में 20-20 वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच-पांच हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है। न्यायालय द्वारा बालिका को क्षतिपूर्ति के रूप में युक्तियुक्त प्रतिकर चार लाख रुपए दिए जाने का आदेश भी दिया है। मामले की पैरवी प्रभारी उप-संचालक (अभियोजन) धर्मेन्द्र सिंह तारन के मार्गदर्शन में सहायक जिला अभियोजन अधिकारी मनोज पटैल ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता (पीडि़ता की मां) ने 19 मार्च 2022 को पुलिस थाना मकरोनिया में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई कि 18 मार्च को उसके घर में कार्यक्रम था, तभी आरोपी उसके घर गुलाल लगाने शाम को आया था, पीडि़ता के पिता एवं आरोपी घर के दरवाजे पर बैठकर बातचीत कर रहे थे तभी पीडि़ता उसके पास रोते हुए आई तो उसने रोने का कारण पूछा, तो उसने बताया कि जब पीडि़ता के पिता और आरोपी बात कर रहे थे तो आरोपी ने उसके साथ छेडखानी कर गंदी हरकत की। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया, विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना मकरोनिया पुलिस ने धारा 376(2)(एन), 376(2)(एफ), 376(एबी), 342 भादंसं, धारा 5(एम)/6, 5(एन)/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज कर विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जीसं अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट) एवं नवम अपर-सत्र न्यायाधीश श्रीमती ज्योति मिश्रा के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उक्त सजा से दण्डित किया है।