भिण्ड, 13 अगस्त। मप्र में 50 प्रतिशत कमीशन राज की शिवराज सरकार को बेनकाब करने पर भाजपा ने कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी जयराम रमेश, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव सहित कई नेताओं पर पूरे प्रदेश में मुकद्दमा दर्ज किया है। कांग्रेस चोरी और सीना जोरी की इस कार्रवाई का विरोध और घोर निंदा करती हैं। कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता संकल्प लेता है कि वह कमलनाथ के नेतृत्व में इस कमीशन राज की शिवराज सरकार को उखाड फेंकेगा और मप्र को कमीशन राज और घोटालों से मुक्ति दिलाएगा। यह बात कांग्रेस के शहर जिलाध्यक्ष डॉ. राधेश्याम शर्मा ने कही।
उन्होंने कहा कि मप्र की शिवराज सिंह चौहान सरकार के 50 प्रतिशत के कमीशन राज को उजागर करने वाले पेटी कांट्रेक्टर भाई का बहुत-बहुत धन्यवाद, इस पत्र को समाचार पत्रों में प्रकाशित करने वाले पत्रकार साथियों का बहुत धन्यवाद और इन समाचारों को ट्वीट कर पूरी दुनिया के सामने शिवराज सिंह चौहान सरकार के भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, मप्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ, अभा कांग्रेस कमेटी के मीडिया प्रभारी जयराम रमेश और मप्र कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव सहित सभी नेताओं का बहुत-बहुत धन्यवाद। मप्र में आखिरकार आधिकारिक रूप से शिवराज सिंह चौहान सरकार का 50 प्रतिशत का कमीशन राज सामने आ गया है। सोशल मीडिया के माध्यम से पूरे प्रदेश को एक पत्र प्राप्त हुआ जिसमें हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से एक ठेकेदार ने फरियाद की कि 50 प्रतिशत कमीशन के कारण प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है। इस पत्र को मप्र के मीडिया ने प्रमुखता से उठाया।
डॉ. शर्मा ने कहा कि सरकारी ठेकों में किस कदर भ्रष्टाचार हो रहा है इसे इस बात से समझा जा सकता है कि आज 13 अगस्त के दिन पिछले साल कारम बांध टूट गया था, 300 करोड रुपए की लागत से बना यह बांध पहली बरसात भी नहीं झेल पाया था, इसकी वजह 50 प्रतिशत कमिशन नहीं तो और क्या थी? मप्र में बच्चों और गर्भवती महिलाओं के पोषण आहार में घोटाला होने की खबर आप सबके सामने है। महाकाल लोक के निर्माण में भी जिस तरह घोटाला किया गया, वह सप्तऋषि की गिरी मूर्तियां अपने आप बयान करती हैं। जरा सी बाढ़ में कारम डैम का बह जाना बताता है कि मप्र में ठेकेदारी में कितना कमीशन चल रहा है।
उन्होंने कहा कि शिवराज ने डंपर घोटाले के साथ अपने कार्यकाल की शुरुआत की थी और 18 साल के कार्यकाल में उन्होंने घोटाले करने का कीर्तिमान बना दिया है। नदी में घोटाला, पहाड में घोटाला, स्कूल में घोटाला, शिक्षा में घोटाला, भोजन में घोटाला, भजन में घोटाला, अस्पताल में घोटाला, इलाज में घोटाल, रेमडेसीविर इंजेक्शन में घोटाला, कोरोनाकाल में हुईं मृत्यु छुपाने में घोटाला, पुलिस भर्ती में घोटाला, पटवारी भर्ती में घोटाला, नर्सिंग कॉलेज में घोटाला, पेसा कॉर्डिनेटर भर्ती घोटाला। आकाश से लेकर पाताल तक शिवराज सिंह चौहान ने घोटाले की झडी लगा दी है। अब तो मप्र की जनता इस सरकार को कमीशन राज सरकार और सरकार के मुखिया को मिस्टर घोटाला कहने लगी है। आप सबको याद होगा कि मई 2018 में एक मीडिया संस्थान ने मप्र में हर विभाग के घोटाले का पूरा विस्तृत रिपोर्ट कार्ड जारी किया था। उस रिपोर्ट में यह निष्कर्ष निकाला गया था कि मप्र में 51 प्रतिशत लोग यह स्वीकार करते हैं कि सरकारी काम के लिए उन्हें रिश्वत देनी पडती है। जिस भाई ने हाईकोर्ट को पत्र लिखकर मप्र में 50 प्रतिशत कमीशन और घोटाले को उजागर किया है, उसने अपनी तरफ से कमीशन की राशि को थोडा कम ही बताया है।
उन्होंने कहा कि अभी ज्यादा दिन नहीं हुए भोपाल के आरटीओ को इसलिए हटाया गया, क्योंकि आरटीओ दफ्तर में होने वाले लेन-देन की चिट्ठी एक प्रतिष्ठित अखबार ने प्रकाशित कर दी थी। घोटालों में आकंठ डूबे होने के बावजूद शिवराज सरकार भ्रष्टाचार से दूर रहने और भ्रष्टाचारियों को सजा देने के बजाय भ्रष्टाचार उजागर करने वाले नेताओं के ऊपर मुकद्दमे कर रही है। मप्र का एक-एक नागरिक जानता है कि उसे छोटा से छोटा काम करने के लिए भी रिश्वत देनी पड रही है। 50 प्रतिशत कमीशन तो बहुत छोटी बात है शिवराज सरकार में कोई काम ऐसा नहीं है जिसके लिए पैसा दो काम लो का सिद्धांत लागू ना होता हो। शिवराज सरकार ने हर घोटाले की शुरुआत में यही कहा है कि घोटाला नहीं हुआ है, शिकायत करने वाला फर्जी है और शिकायतकर्ता के खिलाफ मामला दर्ज करना और उत्पीडन करना इस सरकार की आदत बन गई। इन्होंने व्यापम घोटाले को स्वीकार नहीं किया, लेकिन अंत में सुप्रीम कोर्ट ने खुद मामला अपने हाथ में लिया। भाजपा सरकार ने नर्सिंग कॉलेज घोटाले को स्वीकार नहीं किया लेकिन हाईकोर्ट ने घोटाले पर मोहर लगा दी। शिवराज सरकार ने पहले पटवारी घोटाले को स्वीकार नहीं किया, लेकिन बाद में जांच के लिए तैयार हुए। इसी तरह 50 प्रतिशत कमीशन, घोटाले को भी अंतत: भाजपा सरकार को स्वीकार करना पडेगा। जिस तरह से कर्नाटक की जनता ने भाजपा के 40 प्रतिशत कमीशन राज को उखाड फैंका था, वैसे ही मप्र की जनता शिवराज के 50 प्रतिशत के कमीशन राज को भी उखाड फैंकेगी।