भिण्ड, 22 मई। दबोह नगर के समीप ग्राम धौरका में 29 कुण्डीय श्रीराधा-कृष्ण महायज्ञ, सर्वजातिय सामूहिक कन्या विवाह महायज्ञ, श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ एवं संत प्रवचन के पांचवे दिवस प्रियंका शास्त्री ने श्रीमद् भागवत महापुराण की अमृत वर्षा से भक्तो कृतार्थ किया।
प्रियंका शास्त्री ने भक्ति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि विवाह पवित्र संस्कार है, लेकिन आधुनिक समय में प्राणी संस्कारों से दूर भाग रहा है, जीव के बिना शरीर निरर्थक होता है, ऐसे ही संस्कारों के बिना जीवन का कोई मूल्य नहीं होता। कथा के दौरान कपिल भगवान, ध्रुव चरित्र का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि ध्रुव ने आत्मविश्वास के साथ पांच वर्ष की अवस्था में ईश्वर को प्राप्त कर लिया, हमें भी आत्मविश्वास से ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जाप करना चाहिए, क्योंकि आत्मविश्वास ही सफलता की कुंजी है, भक्ति में दिखावा नहीं होना चाहिए।
उन्होंने बताया कि भूतों की टोली के साथ नाचते-गाते हुए शिवजी की बारात आई। बारात का भक्तों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। शिव-पार्वती की सचित्र झांकी सजाई गई, विधि-विधान पूर्वक विवाह संपन्न हुआ। महिलाओं ने मंगल गीत गाए और विवाह की रस्म पूरी हुई, भक्तों ने महाआरती के बाद महाप्रसादी ग्रहण की। ग्राम धौरका में दूर-दूर से श्रृद्धालुओं की भीड़ प्रवचन सुनने के लिए उमड़ रही है। पांचवे दिन यज्ञ प्रबंधक चंद्रशेखर कुशवाहा भगत ने समस्त क्षेत्रवासियों से अपील की कि 29 कुण्डीय श्रीराधा-कृष्ण महायज्ञ, सर्वजातिय सामूहिक कन्या विवाह महायज्ञ, श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ एवं संत प्रवचन आप सभी सनातन धर्म प्रेमी श्रृद्धालु भक्तों को यह जानकर हर्ष होगा कि सुश्री प्रियंका शास्त्री के मुखारविन्द से श्रीमद् भागवत महापुराण की अमृत वर्षा, संत प्रवचन एवं राम कथा का आयोजन किया जा रहा है। आप सभी भक्तजनों एवं श्रृद्धालुओं से आग्रह है कि इस पुण्य अवसर पर कार्यक्रमानुसार सपरिवार एवं इष्ट मित्रों सहित उपस्थित होकर ज्ञानार्जन एवं पुण्य के भागी बनें तथा कार्यक्रम को सफल बनाएं। इस दौरान यज्ञाचार्य शिवम शास्त्री श्रीधाम वृंदावन, यज्ञ परीक्षत बब्बूराजा गुर्जर (गोटिया), कथा परीक्षत सुनीता अनुरुद्ध सिंह गुर्जर (बड़ेलला) एवं समस्त क्षेत्रवासी मौजूद रहे।