नाबालिगा से दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष का सश्रम कारावास

सागर, 14 मार्च। तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) जिला सागर सुश्री नीलम की अदालत ने नाबालिगा को भगा ले जाकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी अजय कुचबंदिया निवासी अंतर्गत थाना सुरखी को दोषी करार देते हुए धारा 376(3) भादंवि के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 366 भादंवि के तहत पांच वर्ष सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 5(एल), सहपठित धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत 20 वर्ष सश्रम कारावास एवं पांच हजार रुपए जुर्मा की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी सहायक जिला अभियोजन अधिकारी श्रीमती रिपा जैन ने की।
जिला लोक अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी के अनुसार घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि शिकायतकर्ता (बालिका के पिता) ने थाना सुरखी में रिपोर्ट लेख कराई कि बालिका सुबह करीब आठ बजे निस्तार के लिए गई थी जो लौटकर नहीं आई। जिसकी तलाश आस-पड़ोस एवं रिश्तेदारी में करने पर भी उसका कोई पता नहीं चला। अभियुक्त अजय कुचबंदिया द्वारा उसकी बालिका को बहला-फुसलाकर भगाकर ले जाने की शंका व्यक्त की। 14 अगस्त 2021 को बालिका के दस्तयाव होने पर उसने बताया कि अभियुक्त अजय कुचबंदिया ने उसे शादी का झांसा देकर इंदौर ले जाकर गलत काम किया गया। उक्त रिपोर्ट के आधार पर थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया, अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना सुरखी पुलिस ने धारा 363, 366क, 376, 376(2)(एन), 376(2)(आई) भादंवि एवं 5एल/6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 का अपराध आरोपी के विरुद्ध दर्ज करते हुए विवेचना उपरांत चालान न्यायालय में पेश किया। जहां अभियोजन द्वारा साक्षियों एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया गया एवं अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया। विचारण उपरांत तृतीय अपर-सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट 2012) नीलम शुक्ला के न्यायालय ने आरोपी को दोषी करार देते हुए उपरोक्त सजा से दण्डित किया है।