सागर, 24 नवम्बर। विशेष न्यायाधीश (अजा/जजा अत्याचार निवारण अधिनियम) जिला सागर श्री संजीव श्रीवास्तव के न्यायालय ने सहायक उपनरीक्षक एवं अन्य पुलिस बल पर तेजाब से हमला करने वाले आरोपी योगेश कुमार सोनी उर्फ लल्लू को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा से दण्डित किया है। मामले की पैरवी अतिरिक्त जिला अभियोजन अधिकारी शिव संजय एवं सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी सौरभ डिम्हा ने की।
जिला अभियोजन सागर के मीडिया प्रभारी सौरभ डिम्हा ने बताया कि थाना कोतवाली सागर में सहायक उपनिरीक्षक के पद पर पदस्थ अनुसूचित जनजाति का सदस्य फरियादी अनिल कुजूर को अभियुक्त योगेश कुमार सोनी पुत्र श्याम बिहारी सोनी का कुटुंब न्यायालय सागर के विविध आपराधिक प्रकरण क्र.198/2015 में पेशी 30 सितंबर 2019 का वसूली/ गिरफ्तारी वारंट तामीली हेतु थाना प्रभारी दिया गया, जिसकी तामीली के लिए 29 सितंबर 2019 को फरियादी सउनि अनिल कुजूर थाने से आरक्षक राजेश पाण्डे को हमराह लेकर वारंटी योगेश सोनी के निवास गनेश घाट गया, इसके पूर्व भी वह वारंटी अभियुक्त की तलाश के लिए उसके घर जा चुका था, किंतु अभियुक्त मिलता नहीं था और उसके पिता अभियुक्त श्याम बिहारी, मां अभियुक्ता राधारानी और भाभी अभियुक्ता कृष्णा सोनी मिलती थीं, जो सभी यह अच्छी तरह से जानते थे कि फरियादी अजजा वर्ग का है। 29 सितंबर 2019 को वह अभियुक्त योगेश सोनी पर वारंट की तामीली हेतु गया था, इसके पूर्व उसे मुखबिर से यह पुष्ट खबर प्राप्त हुई थी कि योगेश सोनी घर पर ही है, फरियादी ने हमराह आरक्षक राजेश पाण्डे के साथ अभियुक्त के घर पहुंचकर उसके पिता अभियुक्त श्याम बिहारी को अभियुक्त योगेश सोनी का वारंट दिखाकर यह बताया कि अभियुक्त का वसूली वारंट है और उसे यह पक्की खबर है कि योगेश सोनी घर में ही है, जिसे लाकर पेश किया जाए या वसूली वारंट की राशि एक लाख 28 हजार रुपए अदा की जाए, इसी बीच अभियुक्ता राधारानी एवं कृष्णा सोनी आ गए और तीनों अभियुक्तो ने कहा कि अभियुक्त योगेश सोनी घर पर नहीं है, जिस पर फरियादी अनिल कुजूर ने मकान की तलाशी लेने की बात कही तो अभियुक्तगण श्याम बिहारी, राधारानी एवं कृष्णा अड़ गए और उन्होंने फरियादी को घर में जाने से मना किया तथा कोई सहयोग नहीं किया। फरियादी सहायक उपनिरीक्षक अनिल कुजूर ने हमराह आरक्षक राजेश पाण्डे को वारंटी अभियुक्त योगेश सोनी पर निगाह रखने की कहते हुए यह बताया कि वह थाना कोतवाली से पुलिस बल लेने के लिए जा रहा है। थाना कोतवाली जाते समय फरियादी सउनि अनिल कुजूर को रास्ते में थाने की मोबाइल मिली, जिसे प्रधान आरक्षक चालक जितेन्द्र मिश्रा चला रहा था और गाड़ी में उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा, महिला आरक्षक शशि शिल्पी एवं महिला सैनिक गयाबाई बैठे थे। फरियादी अनिल कुजूर ने उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा को सारे हालात बताए और फिर वह उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा और उसके हमराह बल को लेकर वारंटी अभियुक्त योगेश सोनी के निवास पर पहुंचा और आरक्षक राजेश वारंटी अभिुयक्त योगेश की निगरानी कर रहा था और उस समय अभियुक्त योगेश के माता-पिता और भाभी दरवाजे पर अड़े हुए थे। उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा के बार-बार कहने पर भी अभियुक्तगण श्याम बिहारी, राधारानी और कृष्णा नहीं माने और झगड़ा करने के लिए आमादा हो गए और वे तीनों पुलिस बल के साथ झूमाझटकी करने लगे तथा उन्होंने वारंटी अभियुक्त योगेश सोनी को पेश नहीं किया तथा यह असत्य तौर पर कहा कि वारंटी अभियुक्त योगेश सोनी घर पर नहीं है तथा वह तीन साल से घर नहीं आया है, उसका कोई पता नहीं चला है, किंतु अभियुक्त योगेश सोनी के घर में ही होने की पक्की खबर होने पर फरियादी अनिल कुजूर एवं उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा ने आस-पड़ौस में रहने वालों से सहयोग की मांग की, किंतु किसी ने सहयोग नहीं किया। इसी बीच अभियुक्त योगेश सोनी अपने घर के अंदर से घर के पीछे तरफ भागता हुआ दिखाई दिया, जिस पर फरियादी अनिल कुजूर घर के पीछे कुलिया तरफ दौड़कर गया और उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा अपने हमराह बल के साथ अभियुक्त योगेश सोनी का पीछा करते हुए घर के अंदर घुसा, जब फरियादी अनिल कुजूर, अभियुक्त योगेश सोनी के घर के पीछे टूटे हुए दरवाजे पर खड़ा था, तभी उसे अभियुक्त योगेश सोनी दिखा, जिस पर उसने उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा को आवाज लगाई तो उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा एवं पुलिस बल फरियादी अनिल कुजूर की तरफ आए और तभी अभियुक्त योगेश सोनी ने वहीं रखी कांच की बोतल हाथ में उठा ली और कहा कि बोतल में एसिड भरा हुआ है। अभियुक्त योगेश सोनी गालियां देने लगा और उसने धमकी दी कि यदि उसका रास्ता नहीं छोड़ा तो वह जान से खत्म कर देगा और फिर गाली देते हुए बोला कि उनकी घर में घुसने की हिम्मत कैसे हुई, फरियादी अनिल कुजूर को जान से मारने की नियत से कांच की बोतल में रखे एसिड उसके उपर फेंक दी, जिस पर फरियादी अनिल कुजूर बचने के लिए झुका, किंतु जिस पर उसका सिर गर्दन, कान, सीना, पीठ, कमर पर एसिड गिरा, जिससे उसकी वर्दी वाली शर्ट और बनियान जल गई तथा उसे तेज जलन होने लगी, तभी उसकी मदद के लिए उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा, आरक्षक राजेश पाण्डे, महिला आरक्षक शशि शिल्पी पहुंचे तो अभियुक्त योगेश सोनी के बचाव में अभियुक्तगण श्यामबिहारी, राधारानी और कृष्णा सोनी उनके साथ झूमाझटकी कर रोकने लगे, किंतु सबको पीछे छोड़ते हुए उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा, अभियुक्त योगेश सोनी के पास पहुंचा तो अभियुक्त योगेश सोनी द्वारा फेंके गए एसिड के छीटे उसके तथा हमराह स्टाफ आरक्षक राजेश पाण्डे, महिला आरक्षक शशि के ऊपर भी पड़े, जिससे उन सभी को भी एसिड से क्षति कारित हुई, इसके बावजूद भी अभियुक्त योगेश कुमार सोनी भागने का प्रयास करता रहा, किंतु उसे भागने नहीं दिया और पकड़ लिया गया। अभियुक्तगण श्यामबिहारी, राधारानी एवं कृष्णा पुलिस दल पर लगातार हमला कर अभियुक्त योगेश सोनी को छुड़ाने का प्रयास करते रहे और वे सभी शासकीय कार्य में बाधा डालते रहे तथा उन्होंने पुलिस को वारंट की तामीली नहीं करने दी गई। उपनिरीक्षक हरिनाथ मिश्रा ने घायल सहायक उपनिरीक्षक अनिल कुजूर को चालक जितेन्द्र मिश्रा द्वारा चलाई जा रही थाना मोबाइल वाहन से महिला आरक्षक शशि शिल्पी के साथ आवश्यक निर्देश देकर बुंदेलखण्ड मेडीकल कॉलेज इलाज हेतु रवाना किया। थाने पर प्रकरण पंजीबद्ध कर मामला विवेचना में लिया गया। विवेचना के दौरान साक्षियों के कथन लेख किए गए, घटना स्थल का नक्शा मौका तैयार किया गया अन्य महत्वपूर्ण साक्ष्य एकत्रित कर थाना-कोतवाली जिला सागर द्वारा धारा 294, 186, 353, 307, 326, 332, 506, 34 भादंसं एवं धारा 3(1)(द), 3(1)(ध), 3(2)(5-क) अजा/जजा (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 मामला पंजीबद्ध किया गया, विचारण उपरांत अभियोग पत्र विशेष न्यायायल के समक्ष पेश किया गया। जहां पर विचारण के दौरान अभियोजन ने साक्षियों को परीक्षित कराया एवं संबंधित दस्तावेजों को प्रमाणित किया, अभियोजन ने अपना मामला संदेह से परे प्रमाणित किया।
विचारण उपरांत न्यायालय विशेष न्यायाधीश (अजा/जजा अत्याचार निवारण अधिनियम) जिला सागर की अदालत ने दोषी करार देते हुए आरोपी योगेश कुमार सोनी उर्फ लल्लू को धारा 326(ए) भादंसं, सपठित धारा 3(2)(5-क) अजा/जजा अत्याचार निवास अधिनियम (फरियादी अनिल कुजूर के संबंध में) आजीवन कारावास एवं पांच हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 326(ए) भादंसं (आहत शशि शिल्पी के संबंध में) दस वर्ष के सश्रम कारावास तीन हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 326(ए) भादंसं में (आहत राजेश पाण्डे के संबंध में) दस वर्ष सश्रम कारावास एवं तीन हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 326(ए) भादंसं (आहत हरिनाथ मिश्रा के संबंध में) दस वर्ष सश्रम कारावास एवं तीन हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 353 भादंसं में एक वर्ष के सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए जुर्माना, धारा 332 भादंसं, सहपठित धारा 3(2)(5-क) अजा/जजा अत्याचार निवारण अधिनियम में दो वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए जुर्माना, धारा 506(भाग दो) भादंसं, सहपठित धारा 3(2)(5-क) अजा/जजा अत्याचार निवारण अधिनियम में दो वर्ष सश्रम कारावास एवं दो हजार रुपए जुर्माना, श्यामबिहारी, श्रीमती राधारानी एवं श्रीमती कृष्णा में से प्रत्यके को धारा 353 भादंसं के तहत उनके द्वारा निरोध में बिताई गई अवधि दो अक्टूबर 2019 से 20 दिसंबर 2019 तक कुल दो माह 18 दिवस तक के सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए जुर्माने से दण्डित किया एवं धारा 225(ख) भादंसं के तहत अभियुक्तगण श्यामबिहारी, श्रीमती राधारानी एवं श्रीमती कृष्णा में से प्रत्यके को निरोध में बिताई गई अवधि दो अक्टूबर 2019 से 20 दिसंबर 2019 तक के सश्रम कारावास एवं एक हजार रुपए जुर्माने की सजा से दण्डित किया है।