भिण्ड, 11 नवम्बर। शहर जिला कांग्रेस और नगर कांग्रेस के संयुक्त तत्वावधान में भारत के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती को कौमी एकता के रूप में मनाया गया। भिण्ड नगर पालिका के वार्ड क्र.12 में गांधी चौपाल का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में कांग्रेस के शहर जिलाध्यक्ष राधेश्याम शर्मा उपस्थित रहे। कार्यक्रम में सर्वप्रथम दोनों महापुरुषों की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रृद्धांजलि दी गई, तत्पश्चात रामधुन गाई गई।
इस अवसर पर शहर जिलाध्यक्ष डॉ. राधेश्याम शर्मा ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद मौलाना अबुल कलाम आजाद 1952 के चुनावों में वे उत्तर प्रदेश की रामपुर संसदीय सीट से तथा 1957 के चुनावों में हरियाणा की गुडग़ांव संसदीय सीट से कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में सांसद चुने गए। वे भारत के पहले शिक्षा मंत्री थे। उन्होंने 11 वर्षों तक राष्ट्र की शिक्षा नीति का मार्गदर्शन किया। मौलाना आजाद को ही ‘भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान’ अर्थात आईआईटी और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की स्थापना का श्रेय है। उन्होंने शिक्षा और संस्कृति को विकसित करने के लिए उत्कृष्ट संस्थानों की स्थापना की।
नगर कांग्रेस अध्यक्ष संतोष त्रिपाठी ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे, स्वतंत्रता के आंदोलन में भाग लेते हुए जेल में भी रहे, जेल से निकलने के बाद वे जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड के विरोधी नेताओं में से एक थे। इसके अलावा वे खिलाफत आंदोलन के भी प्रमुख थे। खिलाफत तुर्की के उस्मानी साम्राज्य की प्रथम विश्व युद्ध में हारने पर उन पर लगाए हर्जाने का विरोध करता था। इसके कारण विश्वभर के मुस्लिमों में रोष था और भारत में यह खिलाफत आंदोलन के रूप में उभरा। गांधी जी के असहयोग आंदोलन में उन्होंने सक्रिय रूप से भाग लिया।
कार्यक्रम में बाबा भगवान दास सेंथिया, गुड्डू बाल्मिक, मनोज जैन मामा, मुन्ना सुरूरू, दर्शन तोमर, काजी रिजवान, संदीप मिश्रा, संजीव बरुआ, हिम्मत सिंह हरिऔध, रामसिया राठौर, राहुल सिंह राजावत, कुलदीप सिंह राजावत, पिंटू शर्मा, दिनेश यादव, रामप्रकाश शर्मा, दुष्यंत सिंघई, नीरज जैन, सुनील शर्मा, हिमांशु भदौरिया, राघव भदौरिया, नीरज त्रिपाठी, सुरेश जैन, कमल जैन आदि कांग्रेसी उपस्थित थे।







