रामलीला में हुआ सीता हरण एवं राम सुग्रीव मित्रता वालि बध का मंचन

समाजसेवी अशोक भारद्वाज ने की मंच पर की प्रभु श्रीराम की आरती

भिण्ड, 05 नवम्बर। श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर श्री रामदास जी महाराज ददंरौआ सरकार की अध्यक्षता में मेहगांव में चल रही रामलीला के शुभारंभ अवसर पर प्रभु श्रीराम की आरती समाजसेवी अशोक भारद्वाज ने की। शनिवार को रामलीला में सूर्पणखा का नाक कटना, सीता हरण व बाली-सुग्रीव का युद्ध का मंचन कलाकारों द्वारा किया गया। पण्डाल में महिला दर्शकों की भीड़ नजर आई।


सूर्पणखा का नासिक छेदन से रामलीला मंचन की शुरुआत हुई। इसके बाद खरदूषण वध, सीता हरण व बालि वध का आकर्षक मंचन कर कलाकारों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध दिया। रामलीला में दिखाया गया कि सोने का मृग देख सीता जी ने उसे पाने की जिद की। भगवान राम ने मृग का पीछा किया। माया रूपी मृग भगवान राम को जंगल की ओर दूर लेकर चला गया। हाय राम-हाय राम की आवाज सुन सीता जी परेशान हो गईं। कहा कि मेरे राम संकट में हैं। उनकी मदद के लिए लक्ष्मण को भेजा। लक्ष्मण ने जाते समय कुटी के चारों ओर तीर से रेखा खींच दी और माता सीता से उसके पार न जाने को कहा। लक्ष्मण के जाते ही रावण ब्राह्मण के वेश में पहुंचा और भिक्षा के बहाने उनका हरण कर लिया। राम व लक्ष्मण, सीता की खोज में वन-वन भटकते व विलाप करते किष्किंधा पर्वत पहुंचे। यहां भगवान राम व हनुमान जी की पहली मुलाकात हुई। दोनों का मिलाप देख दर्शक भावुक हो गए। हनुमान जी भगवान राम को सुग्रीव से मिलाए। राम की मित्रता सुग्रीव से हुई। सुग्रीव ने अपनी सारी समस्या भगवान राम से बताया। इसके बाद बाली व सुग्रीव का युद्ध हुआ।