मनुष्य का मन जिस चीज में लग जाता है भगवान वही चीज मनुष्य को देता है : शास्त्री

दंदरौआ धाम में श्रीमद् भागवत कथा के दौरान हो रहे हैं प्रवचन

भिण्ड,14 अप्रैल। मनुष्य का मरते वक्त जिस चीज का ध्यान करता है, उसी को प्राप्त करता है, मनुष्य का मन जिस चीज में लग जाता है भगवान वही चीज मनुष्य को देता है। यह उद्गार दंदरौआ धाम में श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर महंत श्री रामदास जी महाराज के सानिध्य में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के दौरान प्रवचन करते हुए पं. रामस्वरूप शास्त्री ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि ब्रह्मा जी ने गाय को इसलिए बनाया था कि माता, बहनें भगवान को कहां ढूंढने जाएंगी, तो ब्रह्मा जी ने गाय में सभी भगवान को स्थापित कर दिया। माता बहनें पहले भोजन तैयार करके पहली रोटी गाय लिए निकालती थीं। उन्होंने कहा कि मनुष्य का जीवन बिना सत्संग के नहीं चल सकता हैं। सत्संग से हमें धर्म पर चलने की प्रेरणा मिलती है। पिता की आज्ञा का पालन करने से मनुष्य को धर्म की प्राप्ति है। राम रावण का युद्ध राम की विजय होकर राम अयोध्या में लौट आए।
दरबार सजा जिसमें श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर महंत श्री रामदास जी महाराज ने भगवान श्रीराम का राज्याभिषेक करके रामलीला का समापन हुआ। कथा के मुख्य यजमान एवं पारीक्षत श्रीमती नारायणी देवी-नरसी भगत है। भागवत कथा दोपहर दो बजे से शाम पांच बजे तक एवं रामलीला का मंचन सुबह 10 बजे से दोपहर दो बजे तक किया जा रहा है। इस अवसर पर राधिकादास महाराज (वृंदावन धाम), रामबरन पुजारी, श्री कालिदास जी महाराज, संयुक्त कलेक्टर आरए प्रजापति, जलज त्रिपाठी, श्रीराम सिरोटिया, कैलाश नारायण, श्यामसुंदर, अखिलेश, मिच्चू बाबा, जगदीश सिंह तोमर सहित अनेक श्रृद्धालु उपस्थित रहे।