सकारात्मक सोच को मजबूत बनाती है अल्प विराम की शक्ति : अर्गल

रिश्तों के खराब होने में अहंकार की भूमिका महत्वपूर्ण : आर्य

ग्वालियर, 02 फरवरी। आनंद विभाग मप्र राज्य आनंद संस्थान द्वारा ग्वालियर जिले के 50 पंजीकृत आनंदकों के लिए जनवरी के अंतिम सप्ताह में पांच दिवसीय ऑनलाइन अल्पविराम कार्यक्रम राज्य आनंद संस्थान से पर्यवेक्षक जितेश श्रीवास्तव राज्य प्रशिक्षण समन्वयक के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। जिसमें मास्टर ट्रेनर फैसिलिटेटर विजय कुमार (उपमन्यु) डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम लीडर (आनंद) ग्वालियर के साथ जबलपुर से मास्टर ट्रेनर श्रीमति दीप्ति ठाकुर, ग्वालियर से श्रीमती दीप्ति उपाध्याय, कौशल किशोर बुटोलिया ने आनंद सत्रों का संचालन किया। मास्टर ट्रेनर दिनेश मिश्रा, प्रदीप जैन एवं आनंदम सहयोगी सुनील चोपड़ा, भारती शाक्य द्वारा प्रदत्त भूमिका का निर्वहन किया गया।
प्रथम दिवस को आनंद की ओर सत्र से प्रारंभ किया गया और इसी प्रकार प्रत्येक दिन अल्पविराम में नई थीम के साथ जीवन का लेखा जोखा, हमारे रिश्ते ‘संपर्क, सुधार, दिशा’ फ्रीडम ग्लास एवं शांति की शक्ति पर सत्रों का 24 से 29 जनवरी तक संचालन किया गया। जो जिले के आनंदकों को जीवन में आनंद प्राप्त करने और जीवन में तनाव से मुक्ति का माध्यम भी बना। इस दौरान सहभागी आनंदकों को अपने अनुभव साझा करने के अवसर प्रदान किए गए।


समापन अवसर पर मप्र राज्य आनंद संस्थान के मुख्य कार्यपालन अधिकारी अखिलेश अर्गल ने कहा कि अल्पविराम वह शक्ति है जिससे आप अपने आचरण, व्यवहार को देख पाते हैंं और जो भी घटित होता है, आप उसके क्रियाकलापों व पीछे के कारण को देख पाते हैं। क्योंकि उस समय अपने मन को विराम देते हैं, सकारात्मक सोच को मजबूत करने के लिए। उन्होंने कहा कि गुस्से से रिश्तो में केवल दरार पड़ती है।
मप्र राज्य आनंद संस्थान के सलाहकार सत्यप्रकाश आर्य ने आनंदकों से कहा कि अहंकार के कारण रिश्तों खराब होना निश्चित है, किंतु यदि योग्यता को पहचान लें कि सामने वाले की योग्यता अधिक है तो उससे सीखने का प्रयास करें और यदि हमारी योग्यता अधिक है तो दूसरे को हमारे जैसा बनाने का प्रयास करें। इससे हम अपने मूल्यों का परिमार्जन कर सकते हैं और आनंदित रह सकते हैं।