अस्पताल स्टाफ की लापरवाही से चली गई मेरी भांजी की जान

मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गोहद की नर्स की लापरवाही से बच्ची की मौत का, फरियादी ने मुख्यमंत्री से लगाई न्याय की गुहार

भिण्ड, 27 नवम्बर। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गोहद में चिकित्सक एवं नर्स की लापरवाही सामने आई है। बताया गया है कि नर्सिंग स्टाफ ने बच्चा पैदा करने पर पैसा मिलने के लालच में प्रसूता को प्रताडि़त किया। यह आरोप गोहद निवासी रामूप्रसाद शर्मा ने मुख्यमंत्री को भेजे मेल व जिलाधीश के व्हाट्सएप पर भेजे पत्र में लगाया है।
रामूप्रसाद शर्मा ने पत्र में कहा है कि मेरी बहन प्रभा पत्नी विवेक शर्मा एचाया रोड गोहद को रविवार 21 नवंबर 2021 को शाम छह बजे प्रसव पीड़ा के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गोहद में भर्ती कराया गया। जहां पर डॉक्टर और नर्सों ने बताया कि दो घण्टे मे बच्चा हो जाएगा। जब तीन घण्टे बीत जाने पर पूछा तो बोले अभी थोड़ा और समय लगेगा। इस दौरान हमने कहा कि आप ग्वालियर के लिए रेफर कर दो तो उन्होंने एक नहीं सुनी। मेरी बहन दर्द से तड़प रही थी तब नर्स दीपा, बसंती और सुरभि, एक अन्य द्वारा मेरी बहन को थप्पड़ मारे गए, जब कहा कि क्यों मार रही हो, तो नर्स बोली तू पेट ढीला कर जिससे बच्चा हो जाए, नहीं तो अगले एक घण्टे मे हमारी ड्यूटी खत्म हो जाएगी और हमें बच्चे करने के पैसे नहीं मिलेंगे। इन सब कष्ट और टॉर्चर के दौरान सोमवार 22 नवंबर को सुबह छह बजे नर्स मेरी बहन के पेट पर पूरा बल लगाया, जिससे बच्चे ने पेट में लेट्रिंग कर ली और बच्चा खत्म हो गया। फिर इन लोगों ने ग्वालियर के लिए रैफर कर दिया। फरियादी रामू प्रसाद शर्मा का कहना है कि जब हम लोग उसे लेकर ग्वालियर पहुंचे तो जच्चा खाना मुरार ने उसे भर्ती करने से माना कर दिया, कहा ये केस पूरी तरह बिगड़ चुका है, अब बच्चे को छोड़ जच्चा की जान का भी पूरा खतरा है। जहां पर ऑपरेशन से मृत बच्ची को निकला गया तब तक बहुत देर हो गई थी, अब जाच्चा को निजी अस्पताल में उपचार दिया जा रहा है जहां उसकी हालत बहुत नाजुक है, जिसमें धीरे धीरे सुधार हो रहा है। गोहद के स्टाफ द्वारा यह लापरवाहीं नहीं की जाती तो आज मेरी भांजी दुनिया में आने से पहले ही नहीं मरती, फरियादी ने गोहद थाने में भी दोषियों पर कार्रवाई के लिए आवेदन दिया है। पीडि़त न्याय के लिए मुख्यमंत्री से लेकर जिलाधीश एवं पुलिस के यहां गुहार लगा चुका है।

इनका कहना है-

च्चा गोहद में भर्ती हुई रात आठ बजे के आस-पास प्रसूता को कुछ प्रॉब्लम आई तो उन्हें ग्वालियर रेफर के लिए बोला, लेकिन अटेंडर नहीं ले गए, सुबह नवजात ने पेट में लेट्रिन कर ली तब उन्हें फिर ग्वालियर एम्बुलेंस से रेफर किया गया।
डॉ. आलोक शर्मा, खण्ड चिकित्सा अधिकारी गोहद
गोहद अस्पताल की लापरवाही से मेरी भांजी की जान गई है, मैंने न्याय के लिए मुख्यमंत्री जिलाधीश एवं पुलिस से गुहार लगाई है। परंतु न्याय नहीं मिल पा रहा है।
रामूप्रसाद शर्मा, फरियादी