दुष्कर्म के मामले में तीन आरोपियों को 20 वर्ष का सश्रम कारावास

अभियुक्त ने दोस्तों के साथ मिलकर शादी का झांसा देकर नाबालिगा से किया था दुष्कर्म

ग्वालियर, 27 नवम्बर। विशेष न्यायाधीश (लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम) ग्वालियर श्रीमती आरती शर्मा के न्यायालय ने नाबालिगा के साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपी चंदू उर्फ चंद्रभान उर्फ आदित्य पुत्र रंजीत सिंह भदौरिया को धारा 366 भादंवि में पांच वर्ष का सश्रम कारावास एवं धारा 376 भादवि में सात वर्ष का सश्रम कारावास की सजा एवं दो हजार रुपए का जुर्माना, आरोपी शिवा उर्फ शिवनंदन पुत्र विश्राम सिंह भदौरिया उम्र 27 वर्ष निवासी सदर, आरोपी मनीष सिंह सोलंकी पुत्र भारत सिंह सोलंकी उम्र 27 वर्ष निवासी चरखा, थाना भितरवार को धारा 376डी भादंवि में दोषी पाते हुए 20 वर्ष का सश्रम कारावास एवं दो-दो हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई है।
अभियोजन की और से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक अनिल मिश्रा ने घटना के बारे में बताया कि अभियोक्त्री अपने गांव में माता-पिता के साथ रहकर किसानी का कार्य करती थी। प्रथम सूचना रिपोर्ट से करीब पांच माह पहले उसकी पहचान अभियुक्त चंदू से हुई थी, चंदू भी वही काम करता था और काम से वह फरियादिया के गांव आता रहता था। आरापी चंदू की फोन पर बात होती रहती थी, घटना दिनांक 23 जनवरी 2014 को अभियोक्त्री आमला से सदन ट्रेन से अभियुक्त से मिलने ग्वालियर गई थी, रात 11 बजे ट्रेन ग्वालियर पहुंच गई थी, आरोपी चंदू अपने दोस्त सहआरोपी सोनू के साथ ग्वालियर रेल्वे स्टेशन लेने आया, आरोपी चंदू और सोनू ऑटो से महलगांव करोली माता मन्दिर के पास सोनू के कमरे पर ले गए थे। आरोपी चंदू ने उसी रात 11:30 बजे फरियादिया के साथ जबरन दुष्कर्म किया। दूसरे दिन अभी आ रहा हूं कह कर चला गया, जिसके बाद वह वापिस नहीं आया, दो दिन तक अभियोक्त्री ने सोनू के कमरे पर रुक कर चंदू का इंतजार किया, लेकिन वह नहीं आया। चंदू ने अपना मोबाइल भी बंद कर लिया था। 25 जनवरी 2014 की शाम को अभियुक्त ने फोन करके कहा कि शिवा और मनीष सोनू के कमरे पर आ रहे है। वे तुम्हें स्टेशन छोड़ देंगे, तू आमला चली जाना, मैं आठ दिन बाद तुमसे मिलने आऊंगा और तुमसे शादी कर लूंगा। थोड़ी देर बाद शिवा और मनीष आए, रात करीब आठ बजे अभियोक्त्री, आरोपी मनीष व शिवा के साथ पैदल स्टेशन के लिए चल दी। थोड़ी दूर पैदल चलने के बाद फरियादिया से कहा कि अभी पैसे का जुगाड़ नहीं है, थोड़ी देर में पैसे आ जाएंगे तो तुझे टिकट दिलाकर स्टेशन छोड़ देंगे, तब तक इस बस में बैठते हैं, अभियुक्त शिवा व मनीष, अभियोक्त्री उक्त बस के अंदर चले गए। बस में ले जाने के बाद अभियुक्त शिवा व मनीष ने बारी-बारी से जबरन बलात्कार किया, अभियोक्त्री चिल्लाने को हुई तो अभियुक्त मनीष व शिवा ने उसे लात-थप्पड़ से मारा और कहा कि चिल्लाई तो जान से मार देंगे। अभियोक्त्री डर गई, रातभर अभियुक्त मनीष व शिवा ने उसे बस में रखा और दूसरे दिन 26 जनवरी 2014 को आरोपीगण ने उसे स्टेशन छोड़ दिया, उसी दिन रात को वह आमला आ गई, उसने सारी बात अपने माता-पिता व भाई को बताई और उनके साथ थाने जाकर रिपोर्ट पंजीबद्ध कराई। जिस पर से पुलिस थाना विश्वविद्यालय ने अपराध विवेचना में लिया। विवेचना के दौरान अभियोग पत्र विशेष न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया। न्यायालय ने अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपीगण को सजा सुनाई है।