संत कृपा के बिना भगवान का मिलना मुश्किल है : पं. व्यास

दंदरौआ धाम में चल रहा है गुरु महाराज का वार्षिक महोत्सव

भिण्ड, 26 नवम्बर। भागवत कथा एक ऐसा ग्रंथ है इसमें किसी भी देवी देवता की उपासना बंदना नहीं लिखी गई है क्योंकि भागवत में सत्य की वंदना होती है। यह उद्गार दंदरौआ धाम में गुरु महाराज 1008 पुरुषोत्तमदास की पुण्य स्मृति में आयोजित हो रहे 25वे वार्षिक महोत्सव के अवसर पर कथा वाचक पं. रमाकांत व्यास ने श्रीमद् भागवत कथा के दौरान प्रवचन करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि मनुष्य को अपने जीवन में ज्यादा से ज्यादा सत्य को अपनाने का प्रयास करना चाहिए। यदि आप सत्य अपनाते हैं तो मन्दिर जाना, भजन करना, पूजा करना उचित है क्योंकि मनुष्य सदैव सत्य का पालन तो नहीं कर सकता लेकिन सत्य को अपना तो सकता है। सत्य ही परमात्मा का रूप है, सत्य के समान कोई धर्म नहीं है। अगर मनुष्य असत्य को अपनाता है तो उसका मंदिर जाना, भजन करना और पूजा करना व्यर्थ हो जाता है क्योंकि असत्य के समान कोई पाप नहीं है।
कार्यक्रम में यज्ञाचार्य पं. रामस्वरूप शास्त्री अपने-अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे हैं। मुख्य यजमान एवं कथा पारीक्षत भगवत दयाल भारद्वाज तथा कार्यक्रम की व्यवस्था वृंदावन धाम के महंत श्रीश्री 1008 राधिकादास महाराज देख रहे हैं। कथा मंच का संचालन कुंजबिहारी मिश्रा द्वारा किया जा रहा है। कथा के दौरान रामवरन पुजारी, पवन शास्त्री, अंकित शास्त्री, डॉ. ओम पचौरी, विष्णु काकोरिया, अतुल पचौरी, जलज त्रिपाठी, केमरामैन अनिल राजपूत, नरसी दद्दा के साथ आश्रम के अनेक विद्यार्थियों अपने-अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं।