कलयुग में भागवत में हर मनुष्य की समस्या का समाधान : रामभूषण दासजी

ग्राम पतलोखरी में चल रही है श्रीमद् भागवत कथा

भिण्ड, 26 नवम्बर। मेहगांव क्षेत्र के ग्राम पतलोखरी में चल रही भव्य व दिव्य भागवत महापुराण के पांचवे दिन कथा वाचक श्रीश्री 1008 महामण्डलेश्वर श्री रामभूषण दासजी महाराज के मुखाग्र से महाराज अम्बरीश व राजा सरयाग के मोक्ष की कथा हुई। आज की कथा में कथा वाचक ने कलयुग को चार जगह स्थान दिया, जिसमें सोने में, जुआ में, स्त्री व्यभिचार में झूठ में दिया गया। जिसके बाद कलयुग में राजा परीक्षत से पांचवा स्थान मांगा और कलयुग को झूठ फरेब छल कपट जहां हो वहां भी स्थान दिया गया। कथा में भगवत के महात्म्य में राजा परीक्षत के मुकुट में कलयुग का वास हुआ और जिसके बाद उनकी मति भ्रष्ट हो गई।
भागवताचार्य श्री रामभूषण महाराज ने यहां आसमान दिलीप व भागीरथ का भी व्याख्यान किया। उन्होंने कहा कि माँ गंगा ने दर्शन दिए, तीसरी पीढ़ी पर तब भागीरथ ने मां गंगा से कहा कि आप पृथ्वी लोक में चलो तो माँ गंगा ने कहा कि में आपके साथ चलूंगी तो लेकिन में जब पृथ्वी लोक में जाऊंगी तो मुझे सहन करने वाला कौन है, तो उन्होंने कहा कि भगवान शिव की जटाओं में आपका स्थान है। उन्होंने कहा कि गुरु और संत समाज और राष्ट्र के प्रहरी है, गुरु वही श्रैष्ठ है जो शिष्य के समस्त ताप हरण कर कल्याण के मार्ग का निर्माण करे। गुरु और संत बनना बहुत कठिन कार्य है संत सदैव परोपकार से विभूषित होते है, मगर आज के परिवेश मे संत भी राजशाही होते जा रहे है। संत की महिमा रामायण भागवत गीता सहित समस्त पुराण उपनिषदों मे गुणगान किया गया हे, संत के चरण जिस भूमि पर पड़ते हैं, वह भूमि देवभूमि हो जाती है। उस भूमि पर किसी भी प्रकार की व्याधियां नहीं रहती ऐसी है। संतों की महिमा हम सबको संत और गुरुओं का सदैव सम्मान हृदय से करना चाहिए। समाज और राष्ट्र को श्रैष्ठता की ओर ले जाने का कार्य करने वाले संत शिरोमणी सदैव वंदनीय पूजनीय और आदरणीय होते हैं।
भागवताचार्य महामण्डलेश्वर श्रीश्री 1008 रामभूषण दास जी महाराज को शॉल श्रीफल भेंटकर नाथूराम शर्मा चुरारिया तेजपुरा, रामलखन भारद्वाज पतलोखरी ने आशीर्वाद लिया। भागवत कथा के परीक्षत एवं आयोजक श्री मिथलेश रामाजी भारद्वाज ने सभी धर्मप्रेमी बंधुओं से भागवत कथा को सुनकर धर्म लाभ लेने का आह्वान किया है।