रामलीला में हुआ सीता हरण का मंचन

भिण्ड, 10 नवम्बर। मालनपुर नगर में चल रही रामलीला में छठवें दिन कलाकारों ने सीता हरण का भव्य मंचन कर दर्शकों को भाव विभोर कर दिया। लीला की शुरूआत भगवान श्रीराम की आरती से हुई। जिसमें रामलीला समिति ग्वालियर के अध्यक्ष रणविजय सिंह कुशवाह एवं उनकी टीम और मालनपुर पार्षद धर्मवीर शर्मा, संजीव शर्मा एवं सुरेन्द्र कांकर, बाबूजी शर्मा आदि लोग आरती में उपस्थित रहे।
लीला में जब सीताजी ने वन में घूम रहे मृग को देखा तो उसे पाने की इच्छा प्रकट की, तो भगवान राम उसको पकड़ने वन की ओर निकल पड़े, माया रूपी मृग के पीछे जाते हुए राम की आवाज आई, पुकार सुनकर सीता व्याकुल हो गईं और लक्ष्मण को उनकी सहायता के लिए भेज दिया। जाने से पूर्व लक्ष्मण ने कुटिया के चारों ओर तीर से लक्ष्मण रेखा खींच दी और सीता को उसे पर न करने की हिदायत दी। लक्ष्मण के जाते ही रावण ऋषि के भेष में इच्छा मांगने कुटिया के बाहर पहुंचा और इच्छा मांगी तो सीता द्वारा रेखा पार मना करने पर रावण क्रोधित हो गया। अंतत: सीता ने भयवश रेखा पार की और रावण अपने असली रूप में प्रकट होकर सीता हरण कर पुष्पक विमान द्वारा ले चला। जटायू ने मार्ग में रावण को रोकने का प्रयास किया, किंतु युद्ध में घायल होकर वह भूमि पर जा गिरा। राम और लक्ष्मण वापस लौटे तो सीता को न पाकर व्याकुल हो उठे। उनकी सीता खोज और करुण विलाप देखकर दर्शकों की आंखें नम हो गई। इस लीला मंचन ने सभी का मन मोह लिया। चल रही लीला में अत्यधिक दर्शकों की भीड़ देखने को मिली।