जगत में मनुष्य के चरित्र की प्रशंसा की होती है : दिनेश शास्त्री

– दंदरौआधाम में चल रही है श्रीमद् भागवत कथा

भिण्ड, 29 अक्टूबर। दंदरौआधाम में परिसर में 1008 महामण्डलेश्वर महंत रामदास महाराज के सानिध्य में श्रीमद् भागवत कथा चल रही है। बुधवार को कथा व्यास दिनेश शास्त्री ने कहा कि मनुष्य को जीवन मे एक दूसरे की सहायता एवं प्रेम भाव से रहना चाहिए। मनुष्य को दया का भाव एवं संतों की सेवा करनी चाहिए। मनुष्य भजन करने के लिए जगत में आता है, लेकिन मोह माया के जाल में फस कर मनुष्य दूसरों को कष्ट पहुंचा कर पैसा कमाने के चक्कर में पड़ जाता है दूसरे मनुष्य मे बुराई निकलने मे और अपने आप को बड़ा साबित करने में जीवन का समय निकाल देता है। इसलिए ईश्वर भक्ति के लिए मनुष्य का समय कम रह जाता है। दुनिया के अन्य वैभव कार्यों में समय ज्यादा चला जाता है। गलत तरीके से पैसा कमाने मे लग जाता है।
उन्होंने कहा कि मनुष्य को जीवन में हमेशा सद् मार्ग पर चलना चाहिए सदुरु के बताए हुए मार्ग पर चलना चाहिए, क्योंकि उसी मार्ग पर चलने से मनुष्य का चरित्र बनता है, क्योंकि जगत में मनुष्य के चित्र की प्रशंसा नहीं होती बल्कि जगत में मनुष्य के चरित्र की प्रशंसा की होती है। कथा के मुख्य यजमान एवं पारीक्षत रामभरत पचौरी, गीता पचौरी हैं। इस मौके पर रामबरन पुजारी, जलज त्रिपाठी, नरसी दद्दा, कपिल भारद्वाज सहित अनेक श्रद्धालु मौजूद रहे।