भिण्ड, 26 अक्टूबर। लहार क्षेत्र के ग्राम बोहारा में आयोजित नशा मुक्ति एवं सामाजिक समरसता चौपाल ने ग्रामीणों में नई जागरूकता की लहर पैदा की। चौपाल का उद्देश्य युवाओं को नशे की लत से दूर रखना, समाज में एकता व सद्भाव स्थापित करना तथा अवैध शराब और जातिगत वैमनस्यता के खिलाफ जनजागरण फैलाना था।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में ग्रामीणों, युवाओं और समाज सेवियों ने भाग लिया। चौपाल में उपस्थित युवाओं ने सामूहिक रूप से यह संकल्प लिया कि वे नशे से दूर रहकर अपने घर, समाज और नगर को अपराधमुक्त एवं खुशहाल बनाएंगे। एडवोकेट संजीव नायक ने कहा कि नशा किसी भी रूप में जहर है। यह व्यक्ति की सेहत को बिगाड़ता है, परिवार की खुशियां छीनता है और समाज की शांति को नष्ट करता है। युवाओं को चाहिए कि वे इस बुराई के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों और शराबबंदी को जनआंदोलन का रूप दें। उन्होंने कहा कि शिक्षा ही जीवन का अमृत है। शिक्षा से आत्मबल, सकारात्मकता और जागरूकता आती है, यदि शिक्षा और संकल्प हो तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रह सकता।
नायक ने जातिगत वैमनस्यता और सामाजिक विभाजन पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि आज समाज को तोड़ने की सबसे बड़ी ताकत जातिगत वैमनस्यता है। जब समाज आपस में बंटता है, तब राष्ट्र कमजोर होता है। अब समय आ गया है कि हम सब मिलकर जाति नहीं, इंसानियत को पहचानें। पीड़ित सिर्फ पीड़ित होता है, और अपराधी सिर्फ अपराधी उसकी कोई जात नहीं होती। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता ही स्थायी शांति की नींव है। जब हम एक-दूसरे के दुख-सुख में साथ खड़े होंगे, तभी समाज मजबूत बनेगा। नशा और जातिगत वैमनस्यता दोनों ही हमारे गांव और युवाओं के भविष्य के सबसे बड़े शत्रु हैं। हमें इनसे एकजुट होकर लड़ना होगा।
पूर्व जनपद सदस्य मुकेश पाठक ने कहा कि नशा व्यक्ति के जीवन को धीरे-धीरे समाप्त कर देता है। नशे से व्यक्ति की सोचने-समझने की क्षमता खत्म हो जाती है। वह परिवार, समाज और अपने भविष्य तीनों से दूर चला जाता है। जो युवा आज नशे से बचेंगे, वहीं कल समाज और देश का भविष्य गढ़ेंगे, उन्होंने कहा कि शासन द्वारा युवाओं और किसानों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका उद्देश्य आत्मनिर्भरता और आर्थिक सशक्तिकरण है। जरूरत इस बात की है कि युवा इन योजनाओं का लाभ उठाएं और नशे से दूरी बनाकर अपने जीवन को सकारात्मक दिशा दें।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सरपंच राजा मंगलेश्वर प्रताप सिंह ने कहा कि नशा समाज के लिए कैंसर के समान है। यह व्यक्ति को न केवल मानसिक रूप से, बल्कि आर्थिक और पारिवारिक रूप से भी तोड़ देता है। गांव में जितने भी झगड़े, अपराध और विवाद होते हैं, उनके पीछे अधिकांश मामलों में नशे की भूमिका सामने आती है। उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर पर भी यदि सभी लोग मिलकर नशा मुक्ति का संकल्प लें तो निश्चित रूप से एक नई सामाजिक क्रांति शुरू हो सकती है।हमें अपने गांव को नशामुक्त और जातिगत वैमनस्यता से मुक्त बनाना है। तभी वास्तविक विकास और शांति संभव होगी। अंत में एडवोकेट संजीव नायक ने सभी युवाओं से नशे के विरुद्ध सामूहिक संकल्प लेने, जातिगत वैमनस्यता त्यागने और सामाजिक समरसता का संदेश फैलाने का आह्वान किया। चौपाल में अमित पचौरी एडवोकेट, मनोज कुमार पुरोहित, लेखसिंह आचार्य, सुनील तिवारी, राहुल कुशवाह, विकास कुशवाह, श्यामू कुशवाह, शिवसिंह कुशवाह, कुलदीप मिश्रा, अजमेर सिंह, परमानंद कुशवाह, सूरज सिंह जादौन, सुनील महंत, गोविंद परिहार, अमित परिहार, भंवर सिंह, गौरव सिंह जादौन, रामलाल चंसोलिया, राजपाल सिंह कुशवाह, देवसिंह, आकाश सिंह, कुंवर सिंह दोहरे, अमर सिंह आदि उपस्थित रहे।







