रासलील में हुई द्रोपदी चीरहरण की लीला

भिण्ड, 24 नवम्बर। ग्राम चंदूपुरा में कालीमाता प्रांगण में चल रही रासलीला के चौथे दिन वृंदावन धाम से पधारे कलाकारों ने द्रोपदी चीरहरण की लीला प्रस्तुत की। जिसमें अपने अपमान का बदला लेने के लिए दुर्योधन ने द्रोपदी का चीर हरण करना शुरू कर दिया। किसी ने द्रोपदी की गुहार नहीं सुनी, आखिरकार द्रोपदी ने भगवान श्रीकृष्ण को याद किया। तो भगवान श्रीकृष्ण की उंगली में चोट आ जाने पर जो कपड़ा बांधा था उसी का एहसान चुकाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण साक्षात्कार रूप से वहां उपस्थित हो गए। सभी कौरव दल के लोग द्रोपदी की साड़ी खींचते खींचते हार गए लेकिन द्रोपदी का चीर हरण नहीं हुआ। भगवान श्रीकृष्ण ने भरी सभा में द्रोपदी की लाज बचाई। द्रोपदी चीरहरण कथा को ही भव्यता के साथ दर्शाया गया। रासलीला को देखने के लिए दूर दराज से श्रृद्धालुअ पहुंचे और रासलीला का आनंद लिया।