उमंग सिंगार अपने समाज से माफी मांगे, कांग्रेस की फूट डालने की ओछी मानसिकता
भिण्ड 07सितम्बर:- मध्य प्रदेश विधान सभा के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने छिंदवाड़ा में आदिवासी विकास परिषद की बैठक और कई कार्यक्रमों में बोलते हुए बयान दिया कि हम आदिवासी हैं, हिंदू नहीं। भाजपा के प्रदेश कार्य समिति सदस्य डॉ. रमेश दुबे ने इस बयान कड़ी निंदा की और विरोध करते हुए कहा है कि उन्हें कांग्रेस की सोच पर शर्म आती है। उमंग सिंगार एक तरफ तो कह रहे हैं कि माता शबरी जिन्होंने भगवान राम को जूठा बेर खिलाया था, वह भी आदिवासी थीं, तो फिर वो हिंदू कैसे नहीं थी? भगवान राम स्वयं माता के सामने बैठ कर उनके भक्ति पूर्ण सनातन आचरण का सम्मान रखते हुए उनके प्रेम से पूर्ण झूठे बेर खाते रहे। माता शबरी ने मतंग ऋषि के बताए अनुसार उनके आश्रम में रहकर जीवन का लंबा समय भगवान राम के इंतजार में बिताया और जब भगवान आए तो शबरी द्वारा झूठे बेर खिलाने भगवान राम द्वारा खाने की घटना त्रेता युग में घटी जो भक्त और भगवान के मिलन का अदभुत उदाहरण है।
डॉ. दुबे ने कहा कि कांग्रेसी मानसिकता को छोड़कर उमंग सिंगार अपनी आदिवासी जनजातीय सभ्यता का ही अगर गहराई से अध्ययन कर ले तो ज्यादा अच्छा है। उनका ये बयान आदिवासी समाज में फूट डालने और विघटन पैदा करने वाला बयान है। आदिवासी और जनजातीय समाज हमेशा से होली दिवाली रक्षाबंधन जैसे सभी सनातन पर्व मनाता है उसकी जड़ें सनातन धर्म से जुड़ी हैं और सनातन धर्म में जनजातीय आदिवासी समाज पूरे भक्ति भाव से समाया हुआ है। डॉ. रमेश दुबे ने अपने बयान में आगे कहा है कि कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार को आदिवासी जनजातीय समाज से माफी मांगनी चाहिए क्योंकि उनके बयान को समाज के विघटन का प्रयास माना जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि आदिवासी समाज प्रकृति पूजक है वे नदियों, वृक्षों, सूर्य, चंद्रमा और धरती की पूजा करते हैं और यही वजह है वे सनातन धर्म और हिंदू समाज का अभिन्न हिस्सा हैं। उन्होंने उमंग सिंगार के बयान की कड़ी निंदा करते हुए इसे आदिवासी समाज को दिग्भ्रमित करने का कांग्रेस पार्टी का कुत्सित प्रयास बताया है।