– शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत दो वर्षीय कार्यकाल के लिए बनेंगीं समितियां
ग्वालियर, 22 अगस्त। प्रदेश की समस्त शासकीय एवं अनुदान प्राप्त प्राथमिक, माध्यमिक एवं पहली से आठवी कक्षा तक संचालित संयुक्त माध्यमिक शालाओं में शाला प्रबंधन समितियों का गठन 29 अगस्त को किया जायेगा। संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा इस संबंध में सभी जिलों को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
उल्लेखनीय है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत सभी शासकीय प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों के बेहतर प्रबंधन एवं शैक्षिक गतिविधियों के क्रियान्वयन के लिए शाला प्रबंधन समितियों का गठन दो वर्षीय कार्यकाल के लिये किया जाता है। समितियां बच्चों के शाला नामांकन, नियमित उपस्थिति, गुणवत्तायुक्त शिक्षा और अधोसंरचना कार्यो के साथ बच्चों के बहुआयामी विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
शाला प्रबंधन समितियों में, शाला में अध्ययनरत बच्चों के 14 पालक, शाला के प्रधान शिक्षक, वरिष्ठतम् महिला शिक्षिका तथा स्थानीय वार्ड के पंच/ पार्षद तथा स्थानीय निकाय के सरपंच/ अध्यक्ष/ महापौर द्वारा नामित अन्य वार्ड की एक महिला पंच/ पार्षद के रुप में निर्चाचित जनप्रतिनिधि भी शामिल रहते हैं। इन समितियों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का चयन विद्यार्थियों के अभिभावकों में से किया जाता है। वहीं शाला के प्रधान शिक्षक समिति के सदस्य सचिव होते हैं। शासन द्वारा शाला के स्थानीय प्रबंधन के अधिकार भी इन समितियों को सौंपे गए हैं। प्रदेश के लगभग 83 हज़ार प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में आगामी 29 अगस्तै 2025 को गठित होने वाली इन समितियों का कार्यकाल, आगामी 2 शैक्षणिक सत्रों के लिए निर्धारित होगा। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय एवं अनुदान प्राप्त स्कूलों में अध्ययनरत् विद्यार्थियों के पालकों एवं अभिभावकों से 29 अगस्त-2025 को स्कूल पहुंचकर, शाला प्रबंधन समिति से जुडने और शालाओं के विकास कार्यों में सहभागी बनने का आग्रह किया गया है।